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अमेरिका से एक बोरी भी मक्का नहीं खरीदता भारत, क्या इसी चिढ़ में ट्रंप ने लगाया 50 परसेंट टैरिफ?
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अमेरिका से एक बोरी भी मक्का नहीं खरीदता भारत, क्या इसी चिढ़ में ट्रंप ने लगाया 50 परसेंट टैरिफ?

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अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के पीछे कई कारण बताए. अमेरिका के वाणिज्‍य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने हाल ही में कहा कि भारत की जनसंख्‍या 1.4 अरब होने के बावजूद वह हमसे मक्‍का नहीं खरीदता है. अब अमेरिका के मंत्री ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया और कहा कि भारत हमने मक्का नहीं खरीदता है इसलिए ट्रेड डील पर बात नहीं बन रही है.

अमेरिका से मक्का नहीं खरीदने पर भारत से नाराज हैं ट्रंप

हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि यह यह अच्छी बात नहीं है कि भारत हमें सब कुछ बेचता है, लेकिन हमसे मक्का नहीं खरीदता है. इस दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि भारत हर सामान पर बहुत अधिक टैरिफ लगाता है. ऐसे में सवाल है कि आखिर भारत अमेरिाक से मक्का क्यों नहीं खरीदता है. वैसे तो भारत शुरू से दूसरे देशों को मक्का बेचता आया है, लेकिन एथनॉल नीति आने के बाद से भारत में मक्के खपत बढ़ गई और यही कारण है कि अब हमें दूसरे देशों से मक्का खरीदना पड़ रहा है.

भारत में बढ़ी मक्के की डिमांड

ट्रंप प्रशासन के हाल के बयान पर गौर करें तो वे इसी बात से नाराज हैं कि आखिर भारत अमेरिका से मक्का क्यों नहीं खरीदता है. भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा मक्का उत्‍पादक देश है. यहां मक्के का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ पशुओं के आहार, पॉल्‍ट्री फॉर्म और एथनॉल उत्‍पादन के लिए होता है. भारत में मक्के के कुल उत्पाद का  15 से 20 फीसदी एथनॉल बनाने में तो 50 से 60 फीसदी पशु आहार के लिए होता है. हालांकि उद्योगों में भी मक्के का इस्तेमाल होता है.

भारत में साल 2022 से एथनॉल उत्‍पादन, पॉल्ट्री उद्योग समते कई अन्य क्षेत्रों में मक्के की डिमांड बढ़ने लगी. साल 2023 में भारत ने करीब 5 हजार टन और 2024 में करीब 10 लाख टन मक्‍के का आयात किया. व्यापार मंत्रालय के अनुसार भारत ने 2014 में म्‍यांमार से, 2025 में यूक्रेन से मक्का खरीदा क्योंकि इन देशों के साथ भारत का आयात टैक्‍स फ्री है. इसके अलावा अर्जेंटीना और थाईलैंड जैसे देशों से भी भारत ने मक्का खरीदा.

अमेरिका से क्यों एक बोरी भी मक्का नहीं खरीदता है भारत?

भारत का अमेरिका से मक्का नहीं खरीदने के कई कारण हैं. इसमें सबसे बड़ा कारण है उनके मक्‍के का जेनेटिकली मोडिफाइड होना. अमेरिका के 90 फीसदी मक्के जेनेटिकली मोडिफाइड किस्म के होते हैं, जिसके इस्तेमाल पर भारत में सख्त पाबंदी है. इसके अलावा भारत को यूक्रेन और म्‍यांमार से टैरिफ फ्री मक्‍का मिल जाता है वो भी बिना जेनेटिकली मोडिफाइड हुए. अमेरिक से अगर भारत मक्का खरीदेगा तो उसका लॉजिस्टिक्‍स कॉस्ट काफी ज्यादा हो जाएगा और घरेली बाजार में फिर मक्का काफी महंगा मिलने लगेगा.

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