अभिनेता श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने हरियाणा को सोनीपत में दर्ज धोखाधड़ी के केस में तलपड़े की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा पुलिस और दूसरे पक्षों को नोटिस जारी किया है.
मामला निवेशकों के पैसों का गबन कर लेने वाली एक कंपनी से जुड़ा है. सोनीपत में कुल 13 लोगों पर एफआईआर हुई है. इसमें अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ भी शामिल हैं. दोनों ने बतौर ब्रांड एंबेसडर कंपनी का प्रचार किया था
सोनीपत जिले के गांव हसनपुर के युवक विपुल कुमार ने मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड’ के मालिकों और अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा के डीजीपी को शिकायत भेजी थी. इसमें कंपनी से जुड़े लोगों पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप लगाया गया था. मामले की शुरुआती जांच के बाद इस साल जनवरी में सोनीपत मुरथल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
एफआईआर के मुताबिक 2016 में इंदौर में रजिस्टर्ड सोसायटी ने लोगों से एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और आरडी (रिकरिंग डिपॉजिट) के तौर पर पैसे जमा करवाए. अधिक लाभ के आश्वासन के चलते लाखों लोगों ने अपने पैसे सोसायटी के पास जमा करवाए. 2023 में सोसायटी के दफ्तरों पर ताला लग गया. उसके अधिकारियों ने संपर्क के सभी माध्यम बंद कर दिए.
जिन 13 लोगों पर केस दर्ज हुआ है, उनके नाम हैं- नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परिक्षित पारसे, आरके शेट्टी, राजेश टैगोर, संजय मुदगिल, पप्पू शर्मा, आकाश श्रीवास्तव, रामकंवार झा, शबाबे हुसैन और आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े. इनमें से 11 लोग कंपनी में अलग-अलग पदों पर काम कर रहे थे. दोनों अभिनेता बतौर ब्रांड एंबेसडर कंपनी से जुड़े थे.