कांग्रेस ने शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को ‘ओबीसी लीडरशिप-भागीदारी न्याय महासम्मेलन’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस-भाजपा पर ओबीसी समुदाय की उपेक्षा का गंभीर आरोप लगाया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस-भाजपा ओबीसी समुदाय के सबसे बड़े दुश्मन हैं और मोदी सरकार पिछड़ों को न्याय नहीं देना चाहती है.
तालकटोरा स्टेडियम में न्याय महासम्मेलन में देशभर से आए नेताओं और ओबीसी से जुड़े कई प्रमुख पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दोहराया कि कांग्रेस न केवल जाति जनगणना सुनिश्चित करेगी, बल्कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा भी हटाएगी.
सरकार पिछड़ों को नहीं देना चाहती आरक्षण
मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार की ओर से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए दिए गए दस प्रतिशत आरक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि अब आरक्षण बढ़कर 60 प्रतिशत हो गया है, लेकिन मोदी सरकार शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण नहीं देना चाहती है.
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवर्ण जाति में पैदा हुए और गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने अपनी जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करवाया.
सामाजिक न्याय और जाति जनगणना के मुद्दे को प्रमुखता
कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा चुनावों में सामाजिक न्याय और जाति जनगणना के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का श्रेय राहुल गांधी को दिया. चुनाव नतीजों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने इस मुद्दे को स्वीकार किया, इंडिया गठबंधन सरकार बनाने से सिर्फ 20-25 सीटें पीछे रह गया. खरगे ने मतदाता सूची में धांधली को लेकर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि चुनाव आयोग के नए नोटिफिकेशन के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण सिर्फ बिहार में नहीं, पूरे देश में किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इसके जरिए भाजपा मतदाता सूची में बदलाव कर ओबीसी, एससी, एसटी और महिलाओं से मतदान का अधिकार छीनना चाहती है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर लगातार किए जा रहे दावों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी कटाक्ष किया.
आरएसएस-भाजपा को डर
आरएसएस-भाजपा को ओबीसी समुदाय का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस-भाजपा को डर है कि जैसे ही ओबीसी वर्ग को अपना इतिहास पता चलेगा, उन्हें एहसास होगा कि आरएसएस उनका सबसे बड़ा दुश्मन है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि उनकी पार्टी हिंदू राष्ट्र की बात करती है, लेकिन हिंदुओं की आबादी में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा तो पिछड़े वर्ग का है, फिर भी उनकी भागीदारी प्रमुख क्षेत्रों में क्यों नहीं दिखती.
राहुल गांधी ने पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को देश की उत्पादक शक्ति बताते हुए कहा कि वास्तव में वही देश को बनाते हैं, लेकिन उन्हें अपने खून-पसीने का उचित प्रतिफल नहीं मिलता. उन्होंने उदाहरण दिया कि बड़े कॉर्पोरेट पदों और केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में ओबीसी, दलित और आदिवासी अधिकारी नगण्य हैं, जबकि मनरेगा मजदूरी और गिग इकॉनमी जैसे क्षेत्रों में उनकी संख्या बहुत अधिक है.
जाति जनगणना की सराहना
कांग्रेस नेता ने तेलंगाना में कांग्रेस सरकार की ओर से कराई गई जाति जनगणना की सराहना करते हुए कहा कि इसने हिंदुस्तान की राजनीतिक जमीन को हिला दिया है. तेलंगाना सरकार के पास अब ऐसा डेटा है, जिससे पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की कॉर्पोरेट क्षेत्र में भागीदारी की वास्तविक तस्वीर सामने आ रही है, जो लगभग शून्य है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जाति जनगणना सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में पहला कदम है. जहां भी कांग्रेस की सरकार होगी, वहां जाति जनगणना कराई जाएगी, ताकि पिछड़े वर्गों की जनसंख्या, भागीदारी और आर्थिक स्थिति का आकलन किया जा सके.
सम्मेलन में इन नेताओं की रही उपस्थिति
राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा नेता अंग्रेजी को हिंदुस्तान से मिटाने की बात करते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं के खुद के बच्चे अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं. उन्होंने पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की भी वकालत की.
इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सचिन पायलट, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, ओबीसी विभाग के चेयरमैन अनिल जयहिंद सहित अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
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