ED ने एक बड़े GST फ्रॉड केस में 15.41 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है. ये कार्रवाई 29 सितंबर को रांची जोनल ऑफिस ने की. अटैच की गई 10 प्रॉपर्टी कोलकाता और हावड़ा में हैं और इनका मालिकाना हक अमित गुप्ता और उसके सहयोगियों का बताया जा रहा है. अमित गुप्ता इस पूरे फ्रॉड सिंडिकेट का बड़ा खिलाड़ी माना जा रहा है.
ED की जांच (DGGI) डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस, जमशेदपुर की शिकायतों पर शुरू हुई. शिकायत में कहा गया था कि शिवा कुमार डोरा, अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भलोटिया ने मिलकर एक बड़ा गैंग बनाया था. इस गैंग ने 135 फर्जी कंपनियां बनाई और इनके जरिए बोगस GST इनवॉइस जारी किए.
फर्जी ITC की कारोबारियों को कमीशन पर सेल
असल में कोई सामान की सप्लाई नहीं होती थी, लेकिन इन फर्जी इनवॉइस के जरिए 734 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्जी ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) तैयार किया गया. ये फर्जी ITC बाद में दूसरे कारोबारियों को कमीशन लेकर बेच दिया जाता था.
जांच में सामने आया है कि इस धंधे से सिंडिकेट ने करीब 67 करोड़ रुपये कमीशन कमाए. इस पैसे को प्रॉपर्टी में लगाया गया, ताकि असली सोर्स छुपाया जा सके. अमित गुप्ता ने तो DGGI की जांच शुरू होते ही कई प्रॉपर्टी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम कर दी थी.
अब तक 5.29 करोड़ की संपत्ति अटैच
ED ने 8 मई 2025 को इस केस में छापेमारी कर मुख्य आरोपियों शिवा कुमार डोरा, मोहित डोरा, अमित गुप्ता और अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. ये सभी फिलहाल जेल में है. ED इस मामले में पहले ही 5.29 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुकी है, जो शिवा कुमार डोरा की थी.
अब 15.41 करोड़ की नई प्रॉपर्टी अटैच होने से कुल अटैच की गई संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ गया है. ED ने आरोपियों के खिलाफ स्पेशल PMLA कोर्ट, रांची में चार्जशीट फाइल कर चुकी है और कोर्ट ने इस पर संज्ञान भी ले लिया है. एजेंसी अब बाकी प्रॉपर्टी और पैसों का पता लगाने में जुटी है.
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