पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना जिले में एक व्यक्ति की कथित आत्महत्या पर मंगलवार (28 अक्टूबर, 2025) को दु:ख जताया. बताया जाता है कि व्यक्ति ने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए एनआरसी को जिम्मेदार ठहराया है. बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी के 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली है और एक पत्र छोड़ा है, जिसमें लिखा है, ‘एनआरसी मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है.’
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को पानीहाटी स्थित अपने घर में फंदे से लटके मिले. मुख्यमंत्री ने भाजपा की ‘भय और विभाजन की राजनीति’ की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर पार्टी के अभियान ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है.
भाजपा ने निर्दोष नागरिकों को किया परेशान
बनर्जी ने पोस्ट में कहा, ‘यह सोचकर मैं अंदर तक हिल जाती हूं कि कैसे भाजपा ने वर्षों से एनआरसी के डर से निर्दोष नागरिकों को परेशान किया है, झूठ फैलाया है, दहशत फैलाई है और वोट के लिए असुरक्षा को हथियार बनाया है.’ उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने ‘संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच’ बना दिया है और कहा कि ‘दुखद मौत विषैले दुष्प्रचार’ का परिणाम है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने संवैधानिक लोकतंत्र को भय का रंगमंच बना दिया है, जहां लोगों को अपने अस्तित्व के अधिकार पर ही संदेह करने पर मजबूर किया जा रहा है. यह दुखद मौत भाजपा के विषैले दुष्प्रचार का सीधा नतीजा है. दिल्ली में बैठकर राष्ट्रवाद का उपदेश देने वालों ने आम भारतीयों को इतनी निराशा में धकेल दिया है कि वे अपनी ही धरती पर इस डर से मर रहे हैं कि उन्हें ‘विदेशी’ घोषित कर दिया जाएगा.’
गरिमा और अधिकारों की रक्षा
ममता बनर्जी ने केंद्र से इस ‘हृदयहीन खेल’ को समाप्त करने की मांग करते हुए दोहराया कि बंगाल ‘एनआरसी को कभी अनुमति नहीं देगा’ और अपने लोगों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करेगा. उन्होंने कहा, ‘हमारी धरती मां, माटी और मानुष की है, न कि उन लोगों की जो नफरत पर पनपते हैं. दिल्ली के जमींदारों को यह बात जोर से और स्पष्ट रूप से सुननी चाहिए; बंगाल प्रतिरोध करेगा, बंगाल रक्षा करेगा और बंगाल सफल होगा.’
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