देश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. यूपी, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से शुरू होने जा रही यह प्रक्रिया करीब 51 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में हाल ही में हुए SIR को ‘पहला चरण’ माना गया था, जबकि अब शुरू हो रही यह प्रक्रिया ‘दूसरा चरण’ होगी.
दूसरे चरण में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल
इस चरण में अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्ष्यद्वीप, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 1951 से 2004 तक SIR आठ बार हो चुका है, लेकिन उसके बाद यह पहली बार दो दशकों से अधिक समय के अंतराल पर किया जा रहा है.
SIR की प्रमुख तारीखें
प्रिंटिंग और प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर – 3 नवंबर 2025
घर-घर गणना: 4 नवंबर – 4 दिसंबर 2025
ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी: 8 दिसंबर 2025
दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि: 9 दिसंबर 2025 – 8 जनवरी 2026
सुनवाई और सत्यापन: 9 दिसंबर – 31 जनवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026
हर घर पहुंचेगा BLO, तीन बार होगा सत्यापन
प्रक्रिया के दौरान हर बूथ पर नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी (BLO) मतदाताओं के घर कम से कम तीन बार जाकर जानकारियों की पुष्टि करेंगे. जो मतदाता बाहर रहते हैं या काम के कारण घर पर नहीं मिलते, वे ऑनलाइन भी अपने फॉर्म भर सकेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा – ‘SIR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो.’
पुराने रिकॉर्ड से मिलान, दस्तावेज की जरूरत नहीं
जिन मतदाताओं या उनके माता-पिता के नाम 2002, 2003 या 2004 की मतदाता सूची में हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी. वह केवल एन्यूमेरेशन फॉर्म भरकर अपनी जानकारी दे सकते हैं. राज्यवार पुरानी सूचियां संबंधित राज्य की निर्वाचन आयोग वेबसाइट पर देखी जा सकती हैं.
दस्तावेजों की सूची – पहचान के लिए आधार वैकल्पिक
बिहार SIR के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार आधार कार्ड केवल पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं. इसके अलावा यह दस्तावेज मान्य होंगे:
- सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था द्वारा जारी पहचान पत्र या पेंशन आदेश
- 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी दस्तावेज
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- वन अधिकार पत्र या जाति प्रमाण पत्र (OBC/SC/ST)
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), जहां लागू हो
- परिवार रजिस्टर या भूमि/आवास आवंटन प्रमाण पत्र
कांग्रेस का आरोप- ‘SIR के नाम पर वोट चोरी का खेल’
कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि SIR के नाम पर मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं, ताकि विपक्षी वोटरों को कमजोर किया जा सके. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिहार में हाल ही में हुए SIR में 69 लाख वोट काटे गए और अब 12 राज्यों में करोड़ों वोट हटाने की तैयारी है. कांग्रेस ने इसे ‘वोट चोरी’ करार दिया और आरोप लगाया कि ‘यह खेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग मिलकर खेल रहे हैं.’
खुद ‘वोट चोरी’ के खेल में शामिल हो गया है EC- कांग्रेस
पार्टी ने कहा कि जब बिहार में SIR हुआ था, तब चुनाव आयोग की ‘गलतियों और गड़बड़ियों’ पर सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई थी. कांग्रेस का आरोप है कि अब उसी तरह की प्रक्रिया पूरे देश में दोहराई जा रही है. कांग्रेस ने कहा कि देशभर में ‘वोट चोरी’ के अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं- ‘कहीं साजिशन वोट जोड़े जा रहे हैं, तो कहीं काटे जा रहे हैं.’ उनका कहना है कि चुनाव आयोग को इन मामलों की जांच करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट वह खुद ‘वोट चोरी’ के खेल में शामिल हो गया है.
अखिलेश यादव बोले – ‘हर वोट का प्रहरी बनना है’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी SIR प्रक्रिया पर निशाना साधा और मतदाताओं से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘सबको उसके वोट का अधिकार दिलवाना है, हर वोट का प्रहरी बनकर लोकतंत्र बचाना है.’ अखिलेश यादव ने कहा कि यह वक्त हर नागरिक के जागरूक होने का है, ताकि किसी का वोट बिना वजह न काटा जाए.
अमित मालवीय ने विपक्ष पर किया पलटवार
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR की घोषणा से ठीक पहले ममता बनर्जी सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया, जिसमें 17 जिलाधिकारियों, 22 एडीएम, 45 एसडीओ और 151 बीडीओ का तबादला शामिल है.
The Election Commission of India has announced the Special Summary Revision (SIR) in 12 States and UTs — West Bengal, Chhattisgarh, Goa, Gujarat, Kerala, Andaman & Nicobar Islands, Lakshadweep, Madhya Pradesh, Puducherry, Rajasthan, Tamil Nadu and Uttar Pradesh.
Just ahead of… https://t.co/n7LsUDskVg
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 27, 2025
मालवीय ने दावा किया कि आदेश 24 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन प्रकाशित अब किया गया, जो ‘इरादे और समय’ पर गंभीर सवाल खड़े करता है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने अपने ‘विश्वसनीय अधिकारियों’ को उन जिलों में भेजा है जहां सबसे ज्यादा फर्जी और अवैध वोटर हैं.


