करूर में विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ से उपजे विवाद पर तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने अभिनेता-राजनेता पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि वीकेंड पर रात में रैली आयोजित करना गैर-जिम्मेदाराना कदम था और भीड़ प्रबंधन में राज्य पुलिस पूरी तरह नाकाम रही. अन्नामलाई ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की.
विजय पर गैर-जिम्मेदारी का आरोप
सीएनएन-न्यूज18 से बातचीत में अन्नामलाई ने कहा कि विजय को रैलियों की योजना अधिक जिम्मेदारी से बनानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘विजय की गलती यह है कि वह कार्यक्रम वीकेंड पर रखते हैं. उन्हें अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए. अगर वीकेंड पर कार्यक्रम है तो दोपहर में रखो, ताकि लोग आसानी से आपको देख सकें. रात में क्यों रखा? टीवीके के वॉलेंटियर्स कहां तैनात थे?’
शनिवार को करूर में विजय की रैली के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए.
सीबीआई जांच की मांग
अन्नामलाई ने इस त्रासदी की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग की. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह विजय पर सीधे आरोप नहीं लगा रहे. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस भीड़ प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही, जबकि पहले से संभावित खतरे की चेतावनी थी.
उन्होंने कहा, ‘डीजीपी ने दावा किया कि 500 पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन सड़क पर 100 से भी कम दिखाई दिए. अनुमति एक संकरी गली में दी गई थी, जहां एंबुलेंस भी नहीं जा सकती थी. पुलिस को ऐसी अनुमति देने से पहले सौ बार सोचना चाहिए.’
जवाबदेही और लापरवाही पर सवाल
बीजेपी नेता ने अधिकारियों पर भी सीधा निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए. केवल सीबीआई जांच ही सच्चाई सामने ला सकती है.’ अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में भीड़ प्रबंधन बार-बार समस्या बनता जा रहा है और इसके लिए सत्ताधारी द्रमुक सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
त्रासदी पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से देने की घोषणा की. पीएमओ ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘तमिलनाडु के करूर में राजनीतिक रैली के दौरान हुआ दुर्भाग्यपूर्ण हादसा बेहद दुखद है.’
वहीं, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना की जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीसन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया है.
हाईकोर्ट में याचिका
इस बीच, बीजेपी पार्षद उमा आनंद ने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की. हालांकि, मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार ने सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला जनहित याचिका (PIL) की श्रेणी में आता है.


