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तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों को किया सस्पेंड, TTD ने  बताई ये वजह
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तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों को किया सस्पेंड, TTD ने बताई ये वजह

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तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इन पर आरोप है कि वे हिंदू धार्मिक संस्थान में कार्यरत होने के बावजूद कथित रूप से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे, जो ट्रस्ट की संस्थागत आचार संहिता का उल्लंघन माना गया.

TTD प्रशासन ने बताया कि यह कार्रवाई सतर्कता रिपोर्ट और आंतरिक जांच के बाद की गई है. ट्रस्ट का कहना है कि जिन कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है, वे एक हिंदू धार्मिक संस्था में कार्य करने के दौरान अपेक्षित धार्मिक आचरण का पालन करने में विफल रहे.

इन चार कर्मचारियों का हुआ निलंबन

1. बी. एलिजर- डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल)

2. एस. रोसी- स्टाफ नर्स, BIRD हॉस्पिटल

3. एम. प्रेमावती- ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRD हॉस्पिटल

4. डॉ. जी. असुंता- एसवी आयुर्वेदिक फार्मेसी

TTD के अनुसार, इन कर्मचारियों के ईसाई धर्म का पालन करने से जुड़ी जानकारी सतर्कता विभाग की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के जरिए सामने आई. इसके बाद नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सभी को सस्पेंड कर दिया गया.

संस्था की साख बनाए रखने के लिए सख्त कदम

TTD ने स्पष्ट किया कि एक हिंदू धार्मिक संस्था में काम करने वाले कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे संस्था की परंपराओं और मूल्यों के अनुरूप आचरण करें. यह फैसला उसी अनुशासन और साख को बनाए रखने के लिए लिया गया है.

TTD के नियमों में 2007 में हुआ था बदलाव

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के सेवा नियमों में साल 2007 में बदलाव किया गया था, जिसके तहत गैर-हिंदुओं की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई थी. हालांकि, इससे पहले जो गैर-हिंदू कर्मचारी नियुक्त किए गए थे, वे अब भी सेवा में बने हुए हैं.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि गैर-हिंदू कर्मचारियों को टीटीडी से हटाकर अन्य सरकारी विभागों में भेजा जाएगा. 

टीटीडी के मौजूदा नियम क्या हैं?

टीटीडी के मौजूदा नियमों के मुताबिक, सिर्फ हिंदू धर्म को मानने वाले लोग ही संस्था में नौकरी के योग्य हैं. साथ ही, सभी कर्मचारियों को हिंदू धर्म और मंदिर की परंपराओं का सम्मान करना जरूरी है.

TTD बोर्ड का कहना है कि वे गैर-हिंदू कर्मचारियों को राज्य सरकार के दूसरे विभागों में ट्रांसफर करने या उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) देने की दिशा में भी काम कर रहे हैं.

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