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तेलंगाना के युवक की अमेरिका में संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों ने केंद्र से की शव वापस लाने की
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तेलंगाना के युवक की अमेरिका में संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों ने केंद्र से की शव वापस लाने की

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तेलंगाना के 30 वर्षीय जिस व्यक्ति की अमेरिकी पुलिस ने कथित तौर पर गोली मारकर जान ले ली, उसने दावा किया था कि वह ‘नस्ली घृणा और भेदभाव’ का शिकार है. महबूबनगर जिले के मोहम्मद निजामुद्दीन को सांता क्लारा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने उस समय गोली मार दी, जब वह 03 सितंबर को झगड़े के स्थल पर पहुंचा था.

घटना से पहले निजामुद्दीन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वह ‘नस्लीय घृणा, नस्लीय भेदभाव, नस्लीय उत्पीड़न, यातना, वेतन धोखाधड़ी, गलत तरीके से बर्खास्तगी और न्याय में बाधा का शिकार’ है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में निजामुद्दीन ने कहा था, ‘मैं नस्ली घृणा, नस्ली भेदभाव, नस्ली उत्पीड़न, यातना, वेतन-धोखाधड़ी, गलत तरीके से बर्खास्तगी और न्याय मिलने में रुकावटों का शिकार रहा हूं.’

घर से किया जा रहा था बेदखल

उसने कहा था, ‘आज मैंने तमाम मुश्किलों के बावजूद अपनी आवाज उठाने का फैसला किया. कॉर्पोरेट तानाशाहों की ओर से किया जाने वाला उत्पीड़न बंद होना चाहिए और इसमें शामिल हर व्यक्ति को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.’ निजामुद्दीन ने संदेश में यह भी लिखा कि जहां वह काम करता था, वहां उसे कटुता, अस्वीकार्य माहौल, नस्लीय भेदभाव, नस्लीय उत्पीड़न और वेतन धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा.

उसने आरोप लगाया था, ‘उन्होंने पूरी तरह गलत तरीके से मेरी नौकरी समाप्त कर दी. यह यहीं खत्म नहीं हुआ, उन्होंने एक नस्लवादी जासूस और टीम की मदद से उत्पीड़न, भेदभाव और धमकी भरा व्यवहार जारी रखा. बाद में स्थिति और बिगड़ गई.’ उसने दावा किया कि उसके खाने में जहर मिला दिया गया था और अन्याय के खिलाफ लड़ने की वजह से उसे उसके घर से बेदखल किया जा रहा है.

अमेरिका में सॉफ्टवेयर का काम करता था निजामुद्दीन 

अपने बेटे के एक दोस्त से मिली जानकारी का हवाला देते हुए निजामुद्दीन के पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने ‘पीटीआई’ को बताया कि यह घटना तीन सितंबर को घटी थी, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में क्या हुआ था. हसनुद्दीन ने कहा कि उनका बेटा ‘एमएस’ की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में सॉफ्टवेयर पेशेवर के तौर पर काम कर रहा था.

घटना का विवरण देते हुए, सांता क्लारा पुलिस विभाग ने बताया कि तीन सितंबर को सुबह लगभग 6:18 बजे उनके अधिकारियों को एक घर में चाकू से हमले की सूचना मिली. फोन करने वाले ने बताया कि एक संदिग्ध ने घर में एक व्यक्ति को चाकू मार दिया है. पुलिस ने बताया कि जब अधिकारी वहां पहुंचे तो उनका सामना निजामुद्दीन से हुआ, जिसे एक अधिकारी ने गोली मार दी.

पुलिस विभाग की ओर से मामले की संयुक्त जांच

निजामुद्दीन को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पीड़ित को स्थानीय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. सांता क्लारा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय और सांता क्लारा पुलिस विभाग की ओर से मामले की संयुक्त जांच की जा रही है. पुलिस ने अभी तक इस मामले में संदिग्ध की पहचान नहीं की है.

सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह सांता क्लारा पुलिस से जुड़ी घटना में भारतीय नागरिक निजामुद्दीन की मौत से दुखी है. उन्होंने कहा, ‘हम स्थानीय अधिकारियों और परिवार के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान करेंगे. इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.’

घटना स्थल पर पुलिस को मिली ये जानकारी

पिछले सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान, सांता क्लारा पुलिस प्रमुख कोरी मॉर्गन ने घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सांता क्लारा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ‘अशांति फैलाने वाले कॉल’ पर प्रतिक्रिया दी, जिसके परिणामस्वरूप उनके एक अधिकारी ने एक हमलावर को गोली मार दी, जो एक अन्य व्यक्ति पर चाकू से हमला कर रहा था.

उन्होंने कहा, ‘प्रारंभिक जांच के आधार पर हमारा मानना ​​है कि अधिकारी ने व्यापक क्षति को रोका और स्पष्ट रूप से कम से कम एक व्यक्ति और संभवतः अन्य लोगों की जान बचाई.’ मॉर्गन ने बताया कि जब अधिकारी उस स्थान पर पहुंचे तो उन्हें सूचना मिली कि स्थिति बिगड गई है और संदिग्ध पीड़ित पर चाकू से हमला कर रहा है.

पीड़ित पर वार से पहले पुलिस ने चला दी गोली

उन्होंने कहा कि जैसे ही पहला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचा उसने अंदर से जोरदार शोर सुना और सामने के बंद दरवाजे को धकेलकर घर के अंदर प्रवेश किया. अधिकारी ने वहां चार लोगों को देखा, जिनमें संदिग्ध भी शामिल था, जो पीड़ित पर बैठकर उसे जमीन पर दबा रहा था.

मॉर्गन ने अधिकारी के शरीर पर लगे कैमरे से झड़प की ली गई एक तस्वीर दिखाई, जिसमें संदिग्ध व्यक्ति पीड़ित के ऊपर बैठा दिख रहा है. अधिकारी ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की. मॉर्गन ने कहा कि अधिकारी ने देखा कि संदिग्ध चाकू से पीड़ित पर वार करने वाला है, उसने चार गोलियां चलाईं और चारों गोलियां संदिग्ध को लगीं.

विदेश मंत्री से परिवार का आग्रह

संदिग्ध को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे सुबह 7:22 बजे मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पीड़ित को एक अन्य स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. मॉर्गन ने कहा कि पीड़ित ने कानून प्रवर्तन अधिकारियों की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया.

पीड़ित के पिता ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास से उनके बेटे का पार्थिव शरीर महबूबनगर लाने में मदद करने का निर्देश दे. इस बीच, ‘मजलिस बचाओ तहरीक’ (एमबीटी) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने विदेश मंत्री जयशंकर से इस मामले में परिवार की मदद करने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें:- राहुल गांधी ने जिन विधानसभाओं का जिक्र कर लगाए आरोप, उन्हीं के आंकड़ों से चुनाव आयोग किया पलटवार



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