स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग 2025 के सर्वे में बेंगलुरु को पांचवा सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है. शहर में गिरता स्वच्छता मानक, कांग्रेस सीएम सिद्धारमैया की तरफ से शुरू की गई महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजना के बिल्कुल उलट है.
बता दें कि इस रैंकिंग में इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पुरस्कृत किया गया है. बीते गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 की रैंकिंग डिजिटल रूप से लॉन्च की गई, जिसमें पता चला कि बेंगलुरु के साथ रांची, चेन्नई, लुधियाना, रायपुर और जबलपुर को सबसे गंदे शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया है. वहीं इस लिस्ट में अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ भारत के नए स्वच्छ शहरों के रूप सामने आए हैं, जिन्होंने स्वच्छता के सभी मानकों का पालन किया है.
बड़े शहरों के साथ छोटे शहर भी शामिल
इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट में बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों को भी शामिल किया गया. आवास एवं शहरी मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इन बदलावों की दौड़ ने छोटे शहरों को सुधार के लिए एक अवसर प्रदान किया है. ‘एक शहर, एक पुरस्कार’ का पालन करते हुए हर राज्य में स्वच्छता सुधार करने वाले शहरों को ‘आशाजनक स्वच्छ शहर’ का सम्मान दिया गया.
देश के 34 शहरों को किया गया सम्मानित
देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 34 शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण में स्वच्छता के लिए सम्मानित किया गया है, जो शहरी स्वच्छता और उनकी प्रगति के सूचक हैं. इस सम्मान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से प्रदान किया गया. स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में सबसे अधिक महाराष्ट्र के 10 शहरों ने अपनी जगह बनाई, जबकि मध्य प्रदेश के 8, छत्तीसगढ़ के 8, उत्तर प्रदेश के 5 और गुजरात के 4 शहर इस रैंकिंग में शामिल हुए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही ये बात
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने अर्थव्यवस्था में सक्रियता, युवाओं के सशक्तिकरण, हरित रोजगार सृजन और विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया.
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