बच्चे के साथ मां के रूस भाग जाने से जुड़े एक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लापरवाही के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने को कहा है. साथ ही केंद्र सरकार से कहा है कि वह मॉस्को में भारतीय दूतावास के जरिए रूसी सरकार से संपर्क करे. महिला और बच्चे को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का प्रयास किया जाए. कोर्ट ने 10 दिन बाद अगली सुनवाई की बात कही है.
भारतीय नागरिक सैकत बसु और उनकी रूसी पत्नी विक्टोरिया के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था. दोनों का साढ़े 4 साल का एक बच्चा है. विक्टोरिया ने सुप्रीम कोर्ट से सप्ताह में 3 दिन बच्चे को साथ रखने की अनुमति ली थी. इस व्यवस्था के तहत जब बच्चा उसके पास था, तब वह उसे लेकर गायब हो गई.
रूस भागी महिला अब तक गायब
17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कथित रूप से विक्टोरिया की मदद करने वाले रूसी दूतावास के अधिकारी के घर की तलाशी की भी अनुमति दी थी.
21 जुलाई को केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि विक्टोरिया देश छोड़ कर जा चुकी है. वह बिहार के रास्ते नेपाल में दाखिल होने के बाद पहले यूएई और फिर वहां से रूस चली गई. शुक्रवार (01 अगस्त, 2025) को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया कि महिला का अभी तक पता नहीं चला है.
कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
पूरी घटना पर जजों ने कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा, ‘यह माता-पिता के आपसी विवाद का साधारण मामला नहीं है. बच्चा सुप्रीम कोर्ट की अभिरक्षा से छीना गया है. हमने पुलिस को महिला पर निगरानी रखने का आदेश दिया था. वह दिल्ली से टैक्सी में बिहार चली गई, पुलिस को पता ही नहीं चला. इस मामले में महिला के अलावा लापरवाह पुलिस अधिकारियों ने भी साफ तौर पर कोर्ट की अवमानना की है. इस बारे में आगे कार्रवाई की जाएगी.’
जस्टिस कांत ने पुलिस को केस दर्ज करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘पुलिस ने इस अपराध को गंभीरता से नहीं लिया. साफ दिख रहा है कि देश से भागने के लिए नकली दस्तावेज भी बनवाए गए. पुलिस उचित धाराओं में केस दर्ज करे. केंद्र सरकार रूस से संपर्क कर महिला और बच्चे को कोर्ट में पेश करने का प्रयास करे.’
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