सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान इस माह के प्रारंभ में चीफ जस्टिस बी आर गवई की ओर जूता उछालने का प्रयास करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्रवाई संबंधी याचिका पर कोर्ट 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 27 अक्टूबर की वाद सूची के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष सुनवाई होगी.
भारती विधिज्ञ परिषद ने लाइसेंस किया निलंबित
छह अक्टूबर को चौंकाने वाली सुरक्षा चूक में, 71 वर्षीय किशोर ने कोर्ट कक्ष में सुप्रीम कोर्ट की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया, जिसके बाद भारती विधिज्ञ परिषद ने तत्काल प्रभाव से उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया. इस घटना के दौरान और उसके बाद भी अविचलित रहे चीफ जस्टिस ने कोर्ट के अधिकारियों और मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे ‘अनदेखा’ करने को कहा और दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ दिया.
पीएम मोदी ने घटना को बताया ‘निंदनीय’
इस घटना की समाज के विभिन्न वर्गों की ओर से व्यापक निंदा की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ जस्टिस से बात की और घटना को ‘निंदनीय’ करार दिया. 16 अक्टूबर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और SCBA के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था.
इस दिन कार्यवाही की मिली मंजूरी
बता दें कि भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने 16 अक्टूबर, 2025 को आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी थी. यह मंजूरी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष विकास सिंह की अर्जी पर दी गई.
आर. वेंकटरमणी ने स्वीकृति पत्र में कहा कि उन्होंने इस घटना से संबंधित सभी दस्तावेजों और तथ्यों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है. वकील राकेश किशोर का व्यवहार न्यायालय अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2(सी) के तहत आपराधिक अवमानना की श्रेणी में आता है.
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