भारत दौरे पर आईं श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या ने गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को लोगों से अपील की है कि वे ‘घर और कार्यालय में या देशों के बीच हमेशा पुल बनाएं, बाधाएं खड़ी न करें.’ अमरसूर्या ने द्वीप देश में आर्थिक संकट के दौरान भारत की ओर से मुहैया कराई गई सहायता का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे सबसे बुरे समय में एक सच्चे मित्र की ओर से बढ़ाया गया हाथ था.
श्रीलंका की प्रधानमंत्री अमरसूर्या ने अपने पूर्व संस्थान हिंदू कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पड़ोसी देश सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों से बंधे हैं और भारत श्रीलंका की यात्रा में एक अटूट साझेदार है. अमरसूर्या ने दिल्ली विश्वविद्यालय के इस प्रतिष्ठित संस्थान में अपने छात्र जीवन की यादें ताजा कीं. कॉलेज की पूर्व छात्रा अमरसूर्या ने 1991 से 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की थी.
भारत यात्रा पर श्रीलंका पीएम अमरसूर्या
अमरसूर्या 16 से 18 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. अमरसूर्या के आगमन से पहले ही परिसर में संकाय सदस्यों और छात्रों में काफी उत्साह देखा गया और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए दीवारों और गलियारों में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए.
संकाय सदस्य, वर्तमान छात्र और अन्य पूर्व छात्र परिसर में एकत्र हुए. प्रधानाचार्य अंजू श्रीवास्तव ने परिसर में अमरसूर्या का स्वागत किया. जैसे ही अमरसूर्या कार से बाहर निकलीं, उन्होंने मुख्य भवन की पहली मंजिल पर गलियारे में मौजूद छात्रों की ओर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया.
‘कॉलेज संसद’ के सदस्यों से बातचीत
सांगानेरिया सभागार में आयोजित समारोह में भाग लेने से पहले उन्होंने समाजशास्त्र विभाग के संकाय सदस्यों और कुछ छात्रों के साथ-साथ ‘कॉलेज संसद’ के सदस्यों से भी बातचीत की. श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने बाद में छात्रों को संबोधित करते हुए उनसे कठिन प्रश्न पूछने और धारणाओं को चुनौती देने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा और सहानुभूति की भावना साथ-साथ चलनी चाहिए. करुणा के बिना बुद्धिमत्ता अधूरी है.’ अमरसूर्या ने लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से इसकी रक्षा करने का आह्वान किया.
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