केरल के सबरीमला मंदिर के पवित्र स्वर्ण जड़ित दरवाजे के पैनलों से जुड़ा एक बड़ा खुलासा सामने आया है. बताया जा रहा है कि 2019 में इन पैनलों को मरम्मत के लिए मंदिर से हटाया गया था, लेकिन 39 दिनों की यात्रा के बाद जब ये लौटे, तो लगभग 4.5 किलो सोना गायब पाया गया. इस खुलासे के बाद केरल हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं और मामला राजनीतिक रूप से भी गरम हो गया है.
NDTV की रिपोर्ट के कहा गया है कि कोर्ट दस्तावेजों के अनुसार, 19 जुलाई 2019 को द्वारपालक मूर्तियों और दरवाजे के पैनलों से सोने की परत हटाकर उसका वजन 42.8 किलो किया गया. अगले दिन 20 जुलाई को ये पैनल प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी की देखरेख में मरम्मत के लिए चेन्नई की ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ कंपनी को भेजे गए, लेकिन ये सामान सीधे चेन्नई नहीं गया. पैनल 39 दिन बाद 29 अगस्त को चेन्नई पहुंचे और तब उनका वजन घटकर 38.25 किलो रह गया था. यहीं से पूरे मामले में शक की लकीरें गहराने लगीं.
सीधे चेन्नई नहीं, मंदिरों और निजी घरों का चक्कर
इस दौरान पवित्र पैनलों को कथित तौर पर कई जगहों पर ले जाया गया. कोट्टायम के एक निजी मंदिर, आंध्र प्रदेश के मंदिरों, बेंगलुरु के श्रीरामपुरम अयप्पा मंदिर और यहां तक कि मलयालम अभिनेता जयाराम के घर पर निजी पूजा के लिए भी इसे ले जाया गया था. इसके बाद ही 11 सितंबर 2019 को ये पैनल सबरीमला वापस लाए गए.
सोना गया कहां?
बड़ा सवाल यह है कि क्या वही दरवाजे चेन्नई पहुंचे थे जो सबरीमला से निकले थे? अगर हां, तो 4.5 किलो सोना कहां गया और तांबे के पैनल कैसे आ गए? याचिकाकर्ता और विपक्षी दल अब यही सवाल उठा रहे हैं कि क्या वर्तमान में मंदिर में लगे पैनल असली हैं, या कॉपर पर गोल्ड प्लेटिंग की गई है?
हाई कोर्ट की सख्ती, SIT जांच शुरू
केरल हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने ट्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) के रिकॉर्ड जब्त करने और विशेष जांच दल (SIT) को 6 हफ्तों में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. SIT में जिले की पुलिस और साइबर सेल के अफसर शामिल हैं.
विपक्ष का हंगामा, BJP का CBI जांच की मांग
इस मामले ने केरल की राजनीति को हिला दिया है. बीजेपी ने इसे देवस्वम खजाने की ‘लूट’ बताया और पूरे राज्य में प्रदर्शन किए. कोझिकोड में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों का सहारा लेना पड़ा. विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने विधानसभा में कहा कि जब तक जिम्मेदार मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, कांग्रेस अपना विरोध जारी रखेगी.
विजय माल्या की 1998 की दान और रिकॉर्ड पर सवाल
सबरीमला मंदिर को सबसे बड़ा स्वर्ण दान 1998 में विजय माल्या ने दिया था. यह करीब 30 किलो सोना था. बाद में 800 ग्राम सोना दरवाजों पर चढ़ाया गया. अदालत और सतर्कता रिपोर्टों में बार-बार पूछा गया है कि इस दान का कितना सोना आज भी रिकॉर्ड में है और उसकी निगरानी कैसे की गई.
अभी मंदिर में क्या है?
TDB का कहना है कि मरम्मत के बाद वही पैनल मंदिर में लगाए गए हैं, लेकिन हाई कोर्ट ने रजिस्टर जब्त कर लिए हैं और यह जांच जारी है कि क्या ये पैनल असली हैं, रिप्लिका हैं या तांबे के खोल पर गोल्ड प्लेटिंग की गई है.


