दिल्ली में शनिवार (2 अगस्त 2025) को आयोजित कांग्रेस के लीगल कॉन्क्लेव में कुछ ऐसा हुआ, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. जब राहुल गांधी मंच पर भाषण देने आए तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारे लगाए देश का राजा कैसा हो? राहुल गांधी जैसा हो! लेकिन, राहुल ने तुरंत इस नारे को रुकवाया. उन्होंने कहा कि नहीं… नहीं… मैं राजा नहीं हूं. मैं राजा बनना भी नहीं चाहता. मैं राजा की सोच के ख़िलाफ हूं. कार्यक्रम का विषय था संवैधानिक चुनौतियां को हल करने वाले रास्ते होने चाहिए. कांग्रेस नेता ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) पर तीखा हमला करने के लिए किया. उन्होंने आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में धांधली हुई है और भारत की चुनाव प्रणाली पहले ही मर चुकी है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत की चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री बहुत कम बहुमत से सत्ता में हैं. अगर केवल 15 सीटों पर धांधली न होती और हमें शक है कि ये संख्या 70-80 से अधिक है तो वह प्रधानमंत्री नहीं होते. यह बयान अपने आप में भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है. कांग्रेस ने, राहुल के अनुसार, छह महीने तक इस मुद्दे की गहन जांच की और दावा किया कि कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख वोटर फर्जी थे. राहुल ने कहा, “जब हम यह डेटा जारी करेंगे तो पूरा देश हिल जाएगा. यह एक परमाणु बम की तरह है जो चुनावी व्यवस्था पर गिरेगा.”
VIDEO | Delhi: Responding to ‘Desh Ka Raja Kaisa Ho, Rahul Gandhi (@RahulGandhi) Jaisa Ho’ slogans raised during party’s annual Legal Conclave, Congress MP Rahul Gandhi said, “Nahi.. Nahi…Main Raja Nahi Hoon. Raja Banna Bhi Nahi Chahta Hoon. Main Raja Ke Concept Ke Against… pic.twitter.com/y2h3jsJPYG
— Press Trust of India (@PTI_News) August 2, 2025
चुनाव आयोग पर कब्जे का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग को खत्म कर दिया गया है और उस पर कब्जा कर लिया गया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के पास ऐसे सबूत हैं, जो दर्शाते हैं कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही, बल्कि एक निष्क्रिय इकाई बन चुकी है. उन्होंने 2014 के बाद से चुनावों में धांधली की संभावना को दोहराया और उदाहरण के तौर पर गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की हार को पेश किया, जहां पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. महाराष्ट्र का एक और चौंकाने वाला उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले एक करोड़ नए मतदाता सामने आए, जिनमें से ज़्यादातर ने भाजपा को वोट दिया. उन्होंने दावा किया कि यह प्रक्रिया सोच-समझकर नियंत्रित की गई थी.
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