हैदराबाद में गौरक्षक की हत्या के प्रयास के मामले में रचाकोंडा पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना गोलीबारी से जुड़ी है और अवैध पशु परिवहन के विवाद को लेकर हुई. इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी रेड्डी सरकार पर हमलावर है.
पोचारम आईटी कॉरिडोर पुलिस और मलकजगिरी की विशेष टीमों ने मिलकर इस पूरे मामले का उद्भेदन किया. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर काफी चर्चा है, जहां एक ओर गौरक्षकों पर हुए हमले की निंदा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में सामने आए वसूली के आरोपों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
22 अक्टूबर की रात घटकेसर के यम्नामपेट के पास यह वारदात हुई. पीड़ित बिड़ला प्रशांत कुमार उर्फ सोनू सिंह, जो एक सक्रिय गौरक्षक कार्यकर्ता हैं, उन्हें उनके दोस्त कुरुवा श्रीनिवास ने बुलाया था. वहां मौजूद मुख्य आरोपी मोहम्मद इब्राहिम कुरैशी और उसके साथियों ने प्रशांत से उनके अवैध पशु परिवहन के धंधे को रोकने और इससे हुए एक करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर तीखी बहस की.
दोनों के बीच बात बढ़ने पर इब्राहिम ने अपनी पिस्तौल से प्रशांत के सीने में गोली मार दी और सभी फरार हो गए. घायल प्रशांत को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सर्जरी कर उनकी गोली निकाल दी गई और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर जी. सुधीर बाबू के निर्देश पर गठित विशेष टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 अक्टूबर की सुबह शमशाबाद से मुख्य आरोपी मोहम्मद इब्राहिम कुरैशी, पीड़ित के दोस्त कुरुवा श्रीनिवास और हसन बिन मोसिन को गिरफ्तार कर लिया.
जांच में खुलासा हुआ है कि प्रशांत पर आरोपियों से अपनी गतिविधियां न रोकने के एवज में पांच लाख रुपये की वसूली का आरोप है. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देसी पिस्तौल, एक स्विफ्ट कार, तीन मोबाइल फोन और दो खाली कारतूस बरामद किए हैं. एक आरोपी मोहम्मद हनीफ कुरैशी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.
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