प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा शांति समझौते की सफलता पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी. इजरायल और हमास ने गुरुवार (9 अक्तूबर 2025) को सीजफायर और फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह गाजा ट्रंप की ओर से किए जा रहे शांति पहल का हिस्सा है.
पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दी बधाई
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “अपने मित्र, राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता पर उन्हें बधाई दी. ट्रेड डील में हुई अच्छी प्रगति की भी समीक्षा की. आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमति बनी.”
इजरायल-हमास में हुआ समझौता
मिस्र में दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर की पुष्टि की गई. यह दो साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया अब तक का सबसे बड़ा कदम है. इस समझौते के तहत गाजा में सीजफायर लागू होगा. इजरायल गाजा से आंशिक रूप से पीछे हटेगा और हमास की ओर से पकड़े गए बंधकों को रिहा किया जाएगा, जिसके बदले इजरायल अपने कब्जे में रखे फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा.
आतंकवाद का कोई स्वरूप स्वीकार्य नहीं: पीएम मोदी
गाजा शांति समझौते को लेकर पीएम मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात कर उन्हें भी बधाई दी. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर बधाई देने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन किया. हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं. दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है.”
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि 7 अक्टूबर 2023 से गाजा पर इजरायली हमलों में 67,139 फिलिस्तीनी मारे गए और 169,583 अन्य घायल हुए हैं. मारे गए ज्यादातर लोग आम नागरिक हैं, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
जेनरिक दवाओं पर ट्रंप ने दी राहत
भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर अभी तक कोई फाइनल सहमति नहीं बनी है. इसे लेकर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच लगातार बातचीत हो रही है. इस बीच अमेरिका ने जेनेरिक दवा आयात पर टैरिफ लगाने की योजना (Trump Tariff on Generic Drug) को फिलहाल टाल दिया है. ट्रंप के इस फैसले से भारतीय दवा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी. भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका में जेनेरिक दवाओं के लगभग 50 प्रतिशत का उत्पादन करती हैं.


