ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर झूठा नैरेटिव और प्रोपेगेंडा फैलाने की साजिश रची, उससे पूरी दुनिया वाकिफ हो चुकी है. ऐसे में देश की सरहद को जिस तरह सैनिक गश्त लगाकर सुरक्षित बनाते हैं, ठीक उसी तरह साइबर-पेट्रोलिंग की सख्त जरूरत है. देश में अब ऐसी आईटी कंपनियां उभर कर सामने आ रही हैं, जो देश की सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इंफॉर्मेशन वॉरफेयर में मदद कर सकती हैं.
राजधानी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय होमलैंड सिक्योरिटी एंड पुलिस एक्सपो (31 जुलाई-1 अगस्त) में देश-विदेश की कंपनियां अपने हथियारों की प्रदर्शनी लगा रही हैं तो आईटी कंपनियां भी सुरक्षा एजेंसियों को साइबर डोमेन को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. दिल्ली-एनसीआर की एक ऐसी ही कंपनी है ‘एमफ्लिट्रिट’. कंपनी का दावा है कि उनके बेहद खास इंटेलिजेंस आईटी सोल्यूशन से साइबर डोमेन में दुश्मन की हर हरकत पर पैनी नजर रखी जा सकती है.
800 सोशल मीडिया अकाउंट्स किए गए ब्लॉक
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कंपनी के सीईओ अमित रेलन ने बताया की हालिया ऑपरेशन सिंदूर के दौरान करीब 800 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को चिह्नित किया गया था, जो भारत में रहकर पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा चला रहे थे. इन सभी अकाउंट्स को गृह मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय ने ब्लॉक कर दिया था. कंपनी के मुताबिक न केवल दुश्मन की करतूत बल्कि देश के भीतर से ऑपरेट करने वाले साइबर अपराधियों पर भी इंटेलिजेंस सोल्यूशन्स के जरिए लगाम लगाई जा सकती है.
ISI ने तैयार की साइबर-जिहादियों की फौज
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत के खिलाफ साइबर-जिहादियों की एक पूरी फौज तैयार की है, जो भारत-विरोधी एजेंडा चलाने में जुटी है. ऐसे में इंटरनेट पर मौजूद पाकिस्तानी फौज के खिलाफ साइबर-पेट्रोलिंग बेहद जरुरी है.
इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले के दौरान कंपनी ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर 200 से ज्यादा ऐसी वेबसाइट को ब्लॉक किया था, जो अधिकृत वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट, फर्जी अकाउंट्स और 150 से ज्यादा स्कैम के जरिए भोले-भाले तीर्थयात्रियों से धोखाधड़ी कर रहे थे. ये साइबर-क्रिमिनल, होटल की बुकिंग से लेकर डोनेशन तक से जुड़ी धोखाधड़ी करने की फिराक में थे.
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