DS NEWS | The News Times India | Breaking News
‘सनातन विचार ही है एकात्म मानव दर्शन’, जयपुर में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत, कहा- सबकुछ बदला ले
India

‘सनातन विचार ही है एकात्म मानव दर्शन’, जयपुर में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत, कहा- सबकुछ बदला ले

Advertisements



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार (15 नवंबर, 2025) को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सनातन विचार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने देश, काल, स्थिति के अनुसार एकात्मक मानव दर्शन का नया नाम देकर लोगों के समक्ष रखा. यह विचार नया नहीं है किंतु 60 वर्ष बाद भी वर्तमान समय में यह एकात्मक मानव दर्शन पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है.

मोहन भागवत ने कहा, ‘एकात्मक मानव दर्शन को एक शब्द में समझना है तो वह शब्द है धर्म. इस धर्म का अर्थ रिलिजन, मत, पंथ, संप्रदाय नहीं है. इस धर्म का तात्पर्य गंतव्य से है, सब की धारणा करने वाला धर्म है. वर्तमान समय में दुनिया को इसी एकात्म मानव दर्शन के धर्म से चलना होगा.’ 

भारत में सबकुछ बदला, लेकिन सनानत विचार नहीं: भागवत

डॉ मोहन भागवत ने कहा, ‘भारतीय जब भी बाहर गए किसी को लूटा नहीं, किसी को पीटा नहीं, सबको सुखी किया. भारत में भी पिछले कई दशकों में रहन-सहन, खानपान, वेशभूषा सब बदला होगा, किंतु सनातन विचार नहीं बदला. वह सनातन विचार ही एकात्म मानव दर्शन है और उसका आधार यह है कि सुख बाहर नहीं हमारे भीतर ही होता है. हम अंदर का सुख देखते हैं तब समझ में आता है कि पूरा विश्व एकात्म है. इस एकात्म मानवदर्शन में अतिवाद नहीं है.

भागवन ने कहा, ‘शरीर, मन, बुद्धि की सत्ता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता की भी मर्यादा है. सबका हित साधते हुए अपना विकास करना यह वर्तमान समय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अनेक बार आर्थिक उठापटक होती हैं लेकिन भारत पर इसका असर सबसे कम होता है, क्योंकि भारत के अर्थतंत्र का आधार यहां की परिवार व्यवस्था है.’

संघ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में विज्ञान की प्रगति चरम पर जा रही है. विज्ञान के आधार पर सबका जीवन भौतिक सुविधाओं से संपन्न हो, ऐसे प्रयास हो रहे हैं लेकिन क्या मनुष्य के मन में शांति और संतोष भी बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि विज्ञान की प्रगति के कारण बहुत सी नई दवाइयां बनी है, किंतु क्या स्वास्थ्य पहले की तुलना में अधिक ठीक हुआ है. कुछ बीमारियों का तो कारण ही कुछ दवाइयां हैं.

उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर केवल चार प्रतिशत जनसंख्या 80% संसाधनों का उपयोग उपयोग करती है. विकसित और अविकसित में भेद बढ़ रहा है.’
 
मोहन भागवत ने कहा, ‘हमारे यहां प्रारंभ से ही अनेक विषयों में विविधता रही है, लेकिन हमारे यहां की विविधता कभी झगड़े का कारण नहीं बनी. हमारे यहां की विविधता उत्सव का विषय बनी. हमारे यहां पहले से अनेक देवी देवता थे कुछ और भी आ गए तो हमें कोई समस्या नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दुनिया यह तो जानती है कि शरीर, बुद्धि और मन का सुख होता है लेकिन उसे एक साथ कैसे प्राप्त किया जाए, यह दुनिया नहीं जानती. यह केवल भारत जानता है क्योंकि भारत में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा सभी के सुख का विचार है.’

कार्यक्रम की प्रस्तावना एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ महेश शर्मा ने रखी. उन्होंने कहा कि संपूर्ण सृष्टि एकात्म है. सृष्टि का एक कण भी हिलता है तो संपूर्ण सृष्टि पर असर दिखता है. डॉ महेश शर्मा ने कहा कि इस समय वंदे मातरम की रचना का 150 वां वर्ष चल रहा है और वर्तमान परिस्थितियों में पूरा वंदे मातरम गाना अत्यंत आवश्यक है.

कार्यक्रम में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बेरवा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्य सरकार में मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन राठौड़, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ,पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन, अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक, क्षेत्र संघ चालक डॉ रमेश अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक निंबाराम सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. स्वास्थ्य कल्याण ग्रुप के निदेशक डॉ एस एस अग्रवाल ने आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और डॉ नर्बदा इंदौरिया ने कार्यक्रम का संचालन किया.



Source link

Related posts

माली में 5 भारतीय अगवा, देश में मच गया हड़कंप, जानें अब क्या कर रहा भारत?

DS NEWS

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कब दौड़ेगी? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी, बोले- ‘8 स्टेशन

DS NEWS

लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन, अब तक 4 की मौत और कई घायल, जानें क्या है ताजा अपडेट

DS NEWS

Leave a Comment

DS NEWS
The News Times India

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy