सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 अक्टूबर, 2025) को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें 27 सितंबर को करूर में अभिनेता और टीवीके संस्थापक विजय की राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से जांच कराने से इनकार कर दिया गया था.
इस रैली में भगदड़ से 41 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे. मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने भगदड़ की सीबीआई से जांच कराने के अनुरोध वाली बीजेपी नेता उमा आनंदन की अपील पर संज्ञान लिया.
एक वकील ने पीठ को बताया, ‘सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी गई है, जबकि एकल न्यायाधीश ने कहा है कि वह भगदड़ की जांच से संतुष्ट नहीं हैं.’ इस पर सीजेआई ने कहा, ‘इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध कीजिए.’
मद्रास हाईकोर्ट ने अभिनेता-नेता विजय की राजनीतिक रैली में 27 सितंबर को हुई भगदड़ की जांच के लिए तीन अक्टूबर को एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने घटना की सीबीआई जांच कराने के अनुरोध वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता की याचिका भी खारिज कर दी और उन्हें मदुरै पीठ का रुख करने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी और उत्तरी क्षेत्र के महानिरीक्षक असरा गर्ग के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया. उसने कार्यक्रम के आयोजकों, टीवीके नेतृत्व और पुलिस की भी भगदड़ के लिए आलोचना की, जिसमें कई महिलाओं और बच्चों सहित अन्य की मौत हो गई.
भगदड़ में कुल 41 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि रैली में 27,000 लोग शामिल हुए, जो अपेक्षित 10,000 लोगों से लगभग तीन गुना ज़्यादा संख्या थी. पुलिस ने इस त्रासदी के लिए विजय के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने में सात घंटे की देरी को भी जिम्मेदार ठहराया.


