Karur Stampede: करूर जिले में अभिनेता और टीवीके अध्यक्ष विजय की रैली में भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हुए। मद्रास हाईकोर्ट ने इस त्रासदी पर कड़ी नाराजगी जताई. तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता और तमिलागा वेत्री कझागम (टीवीके) पार्टी के अध्यक्ष विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. मद्रास हाईकोर्ट ने टीवीके नेताओं के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया.
कोर्ट ने इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के आदेश दिए. जस्टिस ने स्पष्ट कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद आंखें मूंदे रहना संभव नहीं है.
राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर रैलियों पर लगाई रोक
मद्रास उच्च न्यायालय ने करूर भगदड़ में हुई मौतों के मद्देनजर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी राजनीतिक रैलियों, रोड शो और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी. यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक ऐसे आयोजनों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार नहीं हो जाती. कोर्ट ने चार जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
41 लोगों की हुई थी मौत
27 सितंबर 2025 को करूर-ईरोड हाईवे पर वेलुसाम्यपुरम गांव में विजय की टीवीके पार्टी रैली आयोजित की गई थी. यह 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की राज्यव्यापी यात्रा का हिस्सा थी. पुलिस ने रैली के लिए दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक अनुमति दी थी, लेकिन टीवीके ने विजय के दोपहर 12 बजे पहुंचने की घोषणा कर दी. इसके चलते सुबह 11 बजे से हजारों समर्थक जमा होने लगे. अनुमानित संख्या 25,000 से अधिक थी.
रैली के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 41 लोग मारे गए. मृतकों में 9 बच्चे शामिल थे, जिनमें एक दो साल का बच्चा भी था. लगभग 100 लोग घायल हुए. प्रारंभिक जांच में पता चला कि टीवीके नेताओं ने विजय के भाषण को चार घंटे तक जानबूझकर विलंबित किया, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई. बिजली कटौती और जनरेटर फेल होने से अफरा-तफरी मची. कुछ शव नाले में भी पाए गए. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जिसमें टीवीके नेताओं पर सुरक्षा उपायों की अनदेखी का आरोप लगाया गया.
मृतकों और घायलों को आर्थिक मदद देने का किया गया ऐलान
तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन रात में ही करूर पहुंचे और प्रभावितों से मुलाकात की. विजय की ओर से टीवीके ने मृतकों के परिवारों को 20 लाख और घायलों को 2 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की. रिटायर्ड जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग भी गठित किया गया है.
कोर्ट ने उठाए सवाल
मदुरै बेंच में सुनवाई के दौरान जस्टिस ने टीवीके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “पूरी दुनिया ने करूर में क्या हुआ देख लिया. भगदड़ होते ही टीवीके के सभी नेता गायब हो गए. विजय का वाहन जब्त क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने पुलिस से सवाल किया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई. कोर्ट ने टीवीके नेताओं पर पछतावा न जताने का भी आरोप लगाया. एंटीसिपेटरी बेल याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा गया, जिसमें टीवीके नेता बूसी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार शामिल हैं. हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी और मामले को मदुरै बेंच के पास भेज दिया.


