Justice Yashwant Varma impeachment: राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. कांग्रेस सांसद और व्हिप नासिर हुसैन ने इसकी जानकारी दी. इस प्रस्ताव पर 60 से अधिक राज्यसभा सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. इससे पहले लोकसभा के 145 सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा था. इसमें जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की मांग की गई थी.
कई दलों के सांसदों ने जताया समर्थन
संविधान के अनुच्छेद 124, अनुच्छेद 217 और 218 के तहत कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, जनता दल सेकुलर, जनसेना पार्टी, असम गण परिषद, शिवसेना (एकनाथ शिंदे), लोक जनशक्ति पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-एम समेत कई दलों के सांसदों ने महाभियोग लाए जाने से जुड़े ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी, राजीव प्रताप रूड़ी, पीपी चौधरी, सुप्रिया सुले और केसी वेणुगोपाल जैसे कई वरिष्ठ नेताओं के नाम भी हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं.
15 मार्च को मिले थे जले हुए नोट
जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास से 15 मार्च 2025 को भारी मात्रा में नकदी नोट मिलने का आरोप है. यह आरोप सामने आने के बाद मामला गंभीर हो गया. अब संसद इस मामले की जांच करेगी. महाभियोग की प्रक्रिया के तहत आरोपों की जांच शुरू की जाएगी और तय किया जाएगा कि क्या जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की कार्रवाई की जाए.
लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए जरूरी समर्थन हासिल
इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को जानकारी दी थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने से संबंधित महाभियोग प्रस्ताव को संसद में पेश करने के लिए 100 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. इस प्रकार लोकसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए जरूरी समर्थन प्राप्त हो गया है. दिल्ली में रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद रिजिजू ने कहा, ‘हस्ताक्षर प्रक्रिया अभी जारी है, और अब तक 100 से अधिक सांसद पहले ही इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.’ उन्होंने यह भी बताया कि महाभियोग प्रस्ताव को संसद में कब पेश किया जाएगा, इसका निर्णय कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) करेगी.