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सिर्फ हादसा या कोई तकनीकी खराबी… दुबई एयरशो में कैसे क्रैश हो गया भारत का तेजस फाइटर जेट?
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सिर्फ हादसा या कोई तकनीकी खराबी… दुबई एयरशो में कैसे क्रैश हो गया भारत का तेजस फाइटर जेट?

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भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट शुक्रवार (21 नवंबर 2025) को दुबई एयरशो में हवाई प्रदर्शन के दौरान क्रैश हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई. पायलट का नाम विंग कमांडर नमंश स्याल था, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले थे. LCA-तेजस के क्रैश होने के बाद लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ये दुर्घटना आखिर कैसे हुई. क्या ये महज एक दुर्घटना है या फिर कोई तकनीकी खराबी. घटना के बाद भारत की मेक फॉर द वर्ल्ड नीति को भी बड़ा झटका लग सकता है.

दुबई में कैसे क्रैश हुआ LCA-तेजस?

दुबई एयर शो (16-21 नवंबर) के आखिरी दिन  प्रदर्शनी के दौरान जब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस क्रैश हुआ, उस वक्त वहां हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे. क्रैश का वीडियो देखकर साफ प्रतीत हो रहा है कि लो-फ्लाइंग यानी नीचे उड़ान भरने के दौरान पायलट ने अपने विमान को मैन्युवर किया यानी करतब दिखाने की कोशिश की. उसी दौरान विमान अचानक नीचे गिर गया. पायलट को विमान से इजेक्ट करने का मौका भी नहीं मिल पाया.

IAF ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए 

क्रैश का वीडियो देखकर ऐसा भी लग रहा है कि पायलट ने आखिरी वक्त तक एयरक्राफ्ट को कंट्रोल करने की कोशिश की. क्योंकि इजेक्ट करने की सूरत में लड़ाकू विमान, ड्रिफ्ट होकर दर्शक-दीर्घा या फिर एयरबेस पर खड़े एयरक्राफ्ट पर भी गिर सकता था. वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी यानी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं, जिससे दुर्घटना का कारण पता लगाया जा सकेगा.

तेजस को लेकर पहले आई थी फेक खबर

क्रैश के बाद पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर दुबई में हिस्सा लेने वाले तेजस की उन तस्वीरों के बारे में फिर से चर्चा होने लगी है, जिसमें विमान से तेल जैसा कोई पदार्थ गिरता दिखाई पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि फ्लाइंग के बाद तेजस, टारमेक पर खड़ा था. उसी दौरान उसमें पानी या फिर तेल जैसा कोई तरल पदार्थ गिरता दिखाई पड़ता है. पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स में इसे LCA-तेजस में तकनीकी खराबी का कारण बताया जाने लगा.

सोशल मीडिया पर तेजस के खिलाफ दुष्प्रचार के बाद भारत सरकार की पीआईबी-फैक्ट चेक टीम ने एक्स पर आधिकारिक बयान जारी किया. पीआईबी ने तेजस के खिलाफ दुष्प्रचार पर लगाम लगाते हुए इन खबरों को पूरी तरह फेक यानी झूठी करार दिया. पीआईबी के मुताबिक वायरल वीडियो में एयरक्राफ्ट से पानी की बूंदे गिर रही हैं जो एक रूटीन प्रक्रिया है. ये पानी लड़ाकू विमान के ईसीएस यानी एनवायरमेंटल कंट्रोल सिस्टम और ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जेनरेटिंग सिस्टम से निकल रहा था, जो एक स्टैंडर्ड प्रोसिजर है.

पीआईबी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर तेल की निकलने और तकनीकी खामियों के जरिए LCA तेजस की टेक्निकल क्षमताओं को कमजोर दिखाने की साजिश थी. ये तेजस के खिलाफ झूठा नैरेटिव गढने और निराधार प्रोपेगेंडा करना था.

LCA तेजस का दूसरा बड़ा क्रैश

पिछले 20 महीनों में LCA तेजस का ये दूसरा बड़ा क्रैश है. इससे पहले मार्च 2024 में राजस्थान के पोखरण में वायुसेना की एक अहम एक्सरसाइज के दौरान भी जैसलमेर शहर के बाहरी हिस्से में तेजस क्रैश हो गया था. इस एक्सरसाइज में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना की ऑपरेशन्ल क्षमताओं की समीक्षा करने के लिए पहुंचे थे. जैसलमेर में क्रैश हुए LCA तेजस की जांच रिपोर्ट को वायुसेना ने सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन उस दौरान भी दुबई की तरह तेजस एक फ्री-फॉल की तरह जमीन पर आ गिरा था. लेकिन उस दौरान पायलट ने क्रैश से पहले एयरक्राफ्ट से इजेक्ट कर लिया था और सुरक्षित बच गया था.

IAF में तेजस की 02 स्क्वाड्रन मौजूद

LCA तेजस को स्वदेशी एविएशन कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) की मदद से तैयार किया है. साल 2016 में LCA तेजस को वायुसेना में शामिल किया गया था. इस वक्त वायुसेना में तेजस की 02 स्क्वाड्रन हैं. इनमें से एक स्क्वाड्रन, तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस (कोयम्बटूर) पर तैनात रहती है और दूसरी पाकिस्तान सीमा के करीब एक फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात रहती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान LCA तेजस ने एयर-स्पेस की पैट्रोलिंग में हिस्सा लिया था.

Mark-1a जेट को लेकर रक्षा मंत्रालय का करार

पिछले महीने नासिक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में LCA तेजस के एडवांस वर्जन, Mark-1a की पहली फ्लाइट का आयोजन किया गया था. साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने HAL से 83 Mark-1a लड़ाकू विमानों का करार किया था, लेकिन अमेरिका से संबंधों में आई खटास के चलते LCA के एविएशन इंजन (AF-404) की सप्लाई में करीब दो वर्षों की देरी हुई थी. करार के तहत अभी तक HAL को अमेरिकी कंपनी जीई-एयरोस्पेस से महज 4 इंजन ही मिल पाए हैं.

सितंबर के महीने में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 97 अतिरिक्त LCA-Mark-1a का करार किया था. ऐसे में अगले एक दशक में वायुसेना को HAL से कुल 180 LCA तेजस (Mark-1a) मिलने की संभावना है. इन अतिरिक्त एयरक्राफ्ट के लिए HAL ने इसी महीने के शुरुआत में एक बार फिर GE-एयरोस्पेस से 113 एफ-404 इंजन का सौदा किया है.



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