बिहार चुनाव में दानापुर विधानसभा सीट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. यहां का इतिहास बहुत ही रोचक है. दानापुर सीट पर इस बार बीजेपी और आरजेडी की टक्कर है. RJD ने यहां से रीतलाल यादव को टिकट दिया है.

यह क्षेत्र पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और हर बार की तरह इस बार भी राजद (RJD) और भाजपा (BJP) के बीच रोमांचक मुकाबले का केंद्र बना हुआ है.

इस बार बीजेपी ने दानापुर विधानसभा क्षेत्र से रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है. वह पाटलिपुत्र से सांसद भी चुने गए थे, लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें मीसा भारती से हार का सामना करना पड़ा था.

1985 में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी यहां से जीत दर्ज कर राजनीति को चौंका दिया था. दानापुर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास लालू प्रसाद यादव से गहराई से जुड़ा हुआ है. उन्होंने 1995 और 2000 में इस सीट से चुनाव लड़ा और दोनों बार विजयी हुए, हालांकि बाद में उन्होंने यह सीट छोड़ दी.

लालू प्रसाद यादव के बाद हुए उप-चुनावों में पहले भाजपा के विजय सिंह यादव (1996) और फिर राजद के रामानंद यादव (2002) विजयी हुए.

दानापुर की राजनीति की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि लालू प्रसाद यादव ने स्वयं इस सीट से दो बार चुनाव लड़ा था. दानापुर की भौगोलिक और सामाजिक विविधता इसे अद्वितीय बनाती है यहां एक ओर शहरी क्षेत्र की चमक-दमक, दूसरी ओर उपजाऊ ग्रामीण इलाका और तीसरी ओर गंगा के बीचोंबीच फैला दियारा क्षेत्र है.

2025 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर रीतलाल यादव और भाजपा उम्मीदवार राम कृपाल यादव के बीच सीधा और कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है.
Published at : 26 Oct 2025 12:40 PM (IST)


