उत्तराखंड में मांसा देवी मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के दौरान मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. हादसे के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए कहा, “हरिद्वार के मांसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ के कारण हुई जनहानि से अत्यंत दुखी हूं. जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. घायल जल्द स्वस्थ हों, यही कामना है. स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता कर रहा है.” घटना के बाद उत्तराखंड प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी शुरू कर दी गई है. तीर्थ यात्रा के सीजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मांसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिससे अक्सर भारी भीड़ जुटती है.
क्या बोले हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल?
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने हादसे को लेकर जानकारी दी कि लगभग 35 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है, जिनमें से 6 की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि बाद में एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि मंदिर मार्ग से करीब 100 मीटर नीचे सीढ़ियों पर करंट लगने की अफवाह फैल गई थी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी. पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है.
अब तक कितने लोगों की हुई मौत?
इस घटना में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं. हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
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