गोवा की पनजी जोनल ऑफिस ED की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात आरोपियों के खिलाफ 18 अक्टूबर 2025 को चार्जशीट दाखिल की. ED ने जिन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, उनके नाम वेदास्टो ऑडैक्स (तंजानिया का नागरिक), मसूम उइके, चिराग दूधत, तारिरो ब्राइटमोर मंगवाना (जिम्बाब्वे का नागरिक), रेश्मा वाडेकर, मंगेश वाडेकर और निबू विन्सेंट हैं.
ये मामला गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दर्ज की गई FIR पर आधारित है, जिसमें 4.325 किलो कोकीन को लाओस से भारत में तस्करी कर लाने का आरोप है. ED ने 19 अगस्त 2025 को इस केस में देशभर में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, हरियाणा, झारखंड और उत्तर प्रदेश में एक साथ छापेमारी की थी.
जांच के दौरान ED को मिले डिजिटल सबूत
इन रेड्स में ED को कई डिजिटल सबूत, अहम दस्तावेज और संदिग्ध बैंक अकाउंट्स मिले, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा पैसा रखा गया था. ED की जांच में सामने आया कि जिम्बाब्वे के नागरिक तारिरो ब्राइटमोर मंगवाना इस पूरे नेटवर्क का अहम हिस्सा था. उसे 22 अगस्त 2025 को PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया था.
ED का कहना है कि मंगवाना ना सिर्फ ड्रग तस्करी में शामिल भारतीय नागरिकों की ट्रैवल अरेंजमेंट और फाइनेंसिंग करता था, बल्कि इस काम के लिए तंजानिया के वेदास्टो ऑडैक्स से कमीशन भी लेता था.
नेपाल और बांग्लादेश तक एक्टिव गैंग
जांच के दौरान ED ने 18 अक्टूबर 2025 को रेश्मा वाडेकर नाम की आरोपी की पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में स्थित 45.15 लाख रुपये की प्रॉपर्टी अटैच कर दी. ED का कहना है कि रेशमा ने मार्च 2025 में लाओस की राजधानी वियनतियाने से 4.3 किलो कोकीन भारत लाने का काम किया था.
अब तक की जांच में करीब 88 लाख रुपये की अवैध कमाई का पता चला है जो इस ड्रग नेटवर्क से जुड़ा है. ED की जांच में खुलासा हुआ है कि ये गैंग सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि गोल्डन ट्रायंगल, मिडिल ईस्ट, नेपाल और बांग्लादेश जैसे इलाकों से भी जुड़ा है.
बेनामी अकाउंट्स से करता था पैसों की हेराफेरी
ये नेटवर्क ड्रग्स की खरीद-बिक्री और पैसों की हेराफेरी के लिए फर्जी कंपनियों और बेनामी अकाउंट्स का इस्तेमाल करता था, ताकि पैसों के असली सोर्स को छिपाया जा सके. ED ने कहा है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं.
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