प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग केस में दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह मामला लंदन में रह रहे भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी से जुड़ा है. चार्जशीट दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है, जहां कोर्ट अब 6 दिसंबर को इस पर सुनवाई करेगा.
भंडारी प्रकरण में आगे बढ़ी कानूनी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, यह वाड्रा के खिलाफ धनशोधन से जुड़े मामलों में दूसरी चार्जशीट है. इससे पहले जुलाई में हरियाणा के शिकोहपुर में जमीन सौदे में कथित गड़बड़ी को लेकर ईडी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. भंडारी प्रकरण में ईडी पहले भी वाड्रा से पूछताछ कर चुकी है.
अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल, वाड्रा बने नौवें आरोपी
इस मामले में दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट में वाड्रा को नौवां आरोपी बनाया गया है. हालांकि अदालत ने इस चार्जशीट पर अभी संज्ञान नहीं लिया है. ईडी ने बताया कि वाड्रा का बयान पीएमएलए के तहत इस साल जुलाई में दर्ज किया गया था.
कैसे शुरू हुआ मामला?
संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की मांग को ब्रिटेन की अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है. दिल्ली की एक अदालत ने बीते जुलाई में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था. वर्ष 2016 में आयकर विभाग द्वारा भंडारी के ठिकानों पर छापेमारी के बाद वह लंदन भाग गया था.
ईडी ने फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. यह कार्रवाई आयकर विभाग की उस चार्जशीट के आधार पर की गई थी, जो 2015 के ब्लैक मनी कानून के तहत उसके खिलाफ दायर की गई थी.
ईडी ने चार्जशीट में किए हैं क्या दावे?
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 2023 में दाखिल अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि वर्ष 2009 में संजय भंडारी ने लंदन में एक मकान खरीदा था और उसे कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा के निर्देश पर रिनोवेट कराया गया. एजेंसी का कहना है कि इस रिनोवेशन का खर्च भी वाड्रा ने ही खर्च उठाया था. वहीं, रॉबर्ट वाड्रा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि लंदन में उनका कोई भी मकान या संपत्ति नहीं है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें राजनीतिक उद्देश्यों से निशाना बनाकर परेशान किया जा रहा है.


