प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्लैट खरीदारों के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में शनिवार (04 अक्टूबर, 2025) को धन शोधन निरोधक कानून के तहत कर्नाटक स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी के प्रवर्तकों के 423 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अनबिके फ्लैट और जमीन कुर्क कर ली.
ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई बेंगलुरु स्थित ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स और उसके मुख्य प्रवर्तक एस. वदुदेवन के खिलाफ की गई है.
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कंपनी की एवेन्यू (92 फ्लैट) और एक्वा-2 परियोजनाओं (13 फ्लैट) में बिना बिके फ्लैट के अलावा 4.5 एकड़ वाणिज्यिक भूमि और वासुदेवन की निजी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए अनंतिम आदेश जारी किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर CBI ने दर्ज की थी प्राथमिकी
बयान के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्ति में वासुदेवन की पत्नी के नाम पंजीकृत मुदिगेरे (चिक्कमगलुरु जिला) के कन्नेहल्ली गांव स्थित 179 एकड़ जमीन भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 423.38 करोड़ रुपये आंका गया है.
बयान के अनुसार, धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक प्राथमिकी से उपजा है, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दर्ज की गई थी. ईडी ने इस मामले में अगस्त में छापेमारी की थी.
ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा?
ईडी का आरोप है कि ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स और वासुदेवन ने फ्लैट खरीदारों के साथ 927.22 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की और उक्त धनराशि के बदले अपार्टमेंट/फ्लैट का कब्जा नहीं दिया, जिससे धनराशि को बेईमानी से अपने पास रखा गया और अन्यत्र इस्तेमाल किया गया.
एजेंसी ने दावा किया कि आरोपियों ने धन को समूह की अन्य कंपनियों और संबंधित व्यक्तियों, जिनमें खुद वासुदेवन और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे, को ट्रांसफर कर दिया.
ईडी ने कहा कि इस तरह ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स और वासुदेवन ने 927.22 करोड़ रुपये की अवैध आय अर्जित की और उसे विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से ट्रांसफर किया और वास्तविक मद के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया.
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