दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का खुलासा किया है. इस ऑपरेशन में करीब 100 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है. ये नेटवर्क भारत में एक फूड डिलीवरी ऐप जैसे सिस्टम से ड्रग्स की होम डिलीवरी कर रहा था.
इस गैंग को नाइजीरिया का एक ड्रग किंगपिन Callistus उर्फ Kalis चला रहा था, जो भारत में अपने लोगों के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करवा रहा था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले 5 नाइजीरिया के नागरिकों को गिरफ्तार किया है. जो ड्रग्स पुलिस ने बरामद की है, उसकी वैल्यू इंटरनेशनल मार्केट में 100 करोड़ से ज्यादा की है.
लेडीज शू और सूट सैंपल्स में छुपाकर विदेश भेजता ड्रग्स
13 जून 2025 को दिल्ली के मोती नगर स्थित एक कोरियर ऑफिस में छापा मारते हुए 895 ग्राम MDMA पकड़ी गई, जिसे लेडीज शू और सूट सैंपल्स में छुपाकर विदेश भेजा जा रहा था. इसके बाद पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की.
जांच में सामने आया कि इस पार्सल का लिंक कैमरून के नागरिक Kameni Philipp से था, जो भारत में एक डमी एड्रेस पर रह रहा था. उसके पास से 2 किलो से ज्यादा कोकीन मिली, जो ईंटों जैसी पैकिंग में थी और सील्ड वाटरप्रूफ बैग्स में रखी गई थी. पूछताछ में पता चला कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड नाइजीरिया में बैठा Callistus है.
ऐसे चोरी से बेंचते थे ड्रग्स
क्राइम ब्रांच के मुताबिक ये पूरा ड्रग सिंडिकेट कॉल सेंटर जैसे तरीके से काम कर रहा था. नाइजीरिया में बैठे लोग व्हाट्सएप कॉल के जरिए भारत में ऑर्डर लेते और भारत में मौजूद लोकल नाइजीरियन पेडलर्स को डिलीवरी के लिए लोकेशन भेजते.
डिलीवरी बॉय को ग्राहक की गाड़ी का नंबर, डिलीवरी लोकेशन और ड्रग्स की मात्रा भेजी जाती थी. ड्रग्स की डिलीवरी एक तय समय और जगह पर होती थी. कैश कलेक्शन भी इसी सिस्टम से होता था. कोई एक गिरफ्तार होता तो तुरंत दूसरा उसकी जगह ले लेता, ताकि पुलिस पूरे नेटवर्क तक ना पहुंच सके.
नाइजीरियन पासपोर्ट से भारत आया हेड
इस मामले में गिरफ्तार Kameni Philipp कैमरून का नागरिक है, जो सिंडिकेट का इंडिया हेड है. पहले नाइजीरियन पासपोर्ट से भारत आया, फिर डिपोर्ट हुआ. दोबारा मार्च 2025 में कैमरेनियन पासपोर्ट से मेडिकल वीजा लेकर आया, दिल्ली में रहकर पूरे ऑपरेशन को रन कर रहा था.
Koulaie Philippe ये डिलीवरी एजेंट है फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत में रह रहा था. खासतौर पर साउथ दिल्ली और कुतुब इंस्टिट्यूशनल एरिया में पार्टी ड्रग्स की डिलीवरी करता था. कपड़ों में ड्रेस कोड (चेक शर्ट) फॉलो करता था, जिससे ग्राहक पहचान सकें.
नाइजीरियन के घर से मिला 1 किलो गांजा
Godwin John उर्फ Adore नाइजीरियन है, जो पहले इंडिया हेड था और MDMA बिजनेस देखता था. उसके रेंटेड घर से 1 किलो गांजा और 300 ग्राम से ज्यादा ड्रग्स बरामद हुई. Kelechi Chikwe उर्फ Victor नाइजीरियन है, दिसंबर 2020 में भारत आया. हकीकत में मेडिकल असिस्टेंट के रूप में वीजा लिया, लेकिन ड्रग्स डिलीवरी में लगा दिया गया. सिंडिकेट ने इसका पासपोर्ट जब्त कर लिया, ताकि भाग ना सके.
Ibe Chinedu Austin उर्फ Victor Nzubechukwu भी नाइजीरियन नागरिक है. ये साल 2011 से भारत में अवैध रूप से रह रहा था. बड़े स्तर पर स्टॉक संभालता था, कस्टमर डेटा रखता था और लॉजिस्टिक्स मैनेज करता था. इसके पास से हौंडा सिटी कार, 91500 कैश, फर्जी आधार कार्ड और ड्रग्स बरामद हुई.
क्राइम ब्रांच की जांच में मिली ये चीजें
क्राइम ब्रांच ने जो ड्रग्स बरामद की है, उसमें Cocaine की मात्रा 2703 ग्राम, MDMA की मात्रा 1041 ग्राम, Ganja की मात्रा 1028 ग्राम और Cash 2.07 लाख रुपए हैं. क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कोलंबिया से कोकीन लाने के लिए भारतीय महिलाओं को कुरियर बनाया जाता था.
भारत पहुंचने के बाद Kameni Philipp फाइन क्वालिटी की कोकीन को 1:4 के अनुपात में यानी 1 किलो कोकीन से 5 किलो मार्किट में बेचने वाली ड्रग्स बनाता था. Level A पर Adore और Ibe जैसे लोग थे. जो स्टॉक मैनेज करते थे. Level C पर Koulaie, Kelechi जैसे लड़के थे, जो सीधे ग्राहकों तक ड्रग्स पहुंचाते थे.
विदेशों तक फैला सिंडिकेट का नेटवर्क
नाइजीरिया में WhatsApp के जरिए ग्राहकों से ऑर्डर लिया जाता था. डेटा भी वहीं स्टोर रहता था. ड्रग्स के पैसे को हवाला जैसे सिस्टम से नाइजीरिया भेजा जाता था. 3–5% कमीशन पर लोग Naira में पैसा देते और भारत में उनके रिश्तेदारों को उसी के बराबर रुपये दिए जाते थे.
इस सिंडिकेट का नेटवर्क ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, जापान और यूके तक फैला हुआ था. MDMA की भारत में मैन्युफैक्चरिंग हो रही थी और फर्जी KYC के जरिए विदेश भेजी जाती थी.
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