संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई. इस मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रेल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक अमानवीय और कायराना आतंकी हमला हुआ. इस हमले में हमारे 25 निर्दोष नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की जान गई थी. उन निर्दोष लोगों की जान उनका धर्म पूछकर लिया गया. यह अपने आप में अमानवीयता का सबसे घृणित उदाहरण था. ये घटना भारत की सहन शक्ति की सीमा थी. इस हमले के तुरंत बाद हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और उन्हें छूट दी गई कि वे अपने विवेक, रणनीतिक समझ और क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए निर्णायक कार्रवाई करें.
राजनाथ सिंह ने कहा कि 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. वह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक effective और decisive demonstration था.
हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया- राजनाथ
ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया. हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने उस विकल्प को चुना जिसमें, आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो. हमारी सेनाओं की तरफ से गई, well Co-ordinated strikes ने, 9 terrorist infrastructure targets को precision के साथ hit किया. इस सैन्य कार्रवाई में एक अनुमान के अनुसार करीब सौ से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए हैं. इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित थे. ये वही आतंकी संगठन हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन हासिल है.
भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों की सराहना
हमारे Air Defence system, Counter-Drone system और electronic equipments ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया. पाकिस्तान हमारे किसी भी target को हिट नहीं कर पाया और हमारे किसी भी important asset को नुकसान नहीं हुआ. हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी और हर हमले को रोका गया. मैं इसके लिए भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों की जमकर सराहना करता हूं, जिन्होंने दुश्मन के हर मंसूबे पर पानी फेर दिया.
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