विकास के नाम पर जनता के पैसों की किस तरह से बर्बादी की जा रही है, इसका नायाब उदाहरण तेलंगाना के जड़चरला विधानसभा इलाके में देखने को मिला है. जहां ठेकेदारों और अधिकारियों की मिली भगत ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं. यहां सड़क निर्माण में बुनियादी नियमों को ताक पर रख दिया है. ठेकेदारों ने बिना गिट्टी और बेस के सीधे लाल मिट्टी पर ही डामर की परत बिछा दी है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बालानगर मंडल के अंतर्गत आने वाले बोडगुट्टा टांडा ग्राम पंचायत में बड़ेरेवल्ली से देवुनीगुट्टा टांडा तक एक किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. यह प्रोजेक्ट सड़क और भवन विभाग (R&B) के अंतर्गत किया जा रहा है. लेकिन जिस तरह की सड़क का निर्माण किया जा रहा है, उसने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है.
कच्ची मिट्टी पर ही पोत रहे डामर
मजबूत सड़क निर्माण में मानकों का इस्तेमाल किया जाता है. उस पर मुर्रम और गिट्टी की परते (WBM) बिछाना होता है, इसके बाद रोलर फेरा जाता है. लेकिन यहां ठेकेदार ने शॉर्टकर्ट अपनाते हुए कच्ची मिट्टी पर ही काला डामर पोत दिया है. इससे सड़क निर्माण के कुछ ही घंटो बाद उखड़ने लगी है. अब लोगों में भारी विरोध देखा जा रहा है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सभी कुछ अधिकारियों की नाक के नीचे हुआ है. बयह सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल सकी है. इस दौरान उन्होंने ठेकेदार का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की है. इस दौरान ग्रामीण बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही इस मामले में शामिल अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदारों ने बुनियादी नियमों को ताक पर रखकर हमारी आंख में धूल झोंकी है.


