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जुबिन की मौत की जांच में ‘जानबूझकर देरी’, मुख्यमंत्री की भूमिका ‘संदिग्ध’…’, कांग्रेस ने असम
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जुबिन की मौत की जांच में ‘जानबूझकर देरी’, मुख्यमंत्री की भूमिका ‘संदिग्ध’…’, कांग्रेस ने असम

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कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने सोमवार को आरोप लगाया कि गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले की जांच में ‘जानबूझकर देरी’ की जा रही है जबकि इन सबमें मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की भूमिका ‘बेहद संदिग्ध’ है. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की जा रही है और आरोपियों को सबूत मिटाने का समय दिया जा रहा है क्योंकि वे ‘बीजेपी के करीबी’ हैं.

मुख्यमंत्री पर निशाना
गोगोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘गायक को न्याय दिलाने में लोगों को मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन उनके हालिया बयानों से ऐसा लगता है कि वह तथ्यों को छिपाने और दो मुख्य आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने ‘नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल’ के आयोजक श्यामकानु महंत और जुबिन गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा का भी जिक्र किया. गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय डूबने से मौत हो गई थी, जहां वह एक उत्सव में प्रस्तुति देने गए थे. 

सिंगापुर में हुई थी मौत
गोगोई ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि या तो मुख्यमंत्री तथ्य सामने नहीं ला रहे हैं, या फिर वह ‘अक्षम’ हैं. उन्होंने कहा कि गर्ग की मौत को दस दिन बीत चुके हैं और ‘हमें अभी भी नहीं पता कि सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महंत कहां हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया, ‘ऐसा लगता है कि जांच को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की जा रही है और लोग पूछ रहे हैं कि मुख्यमंत्री, महंत और शर्मा दोनों के साथ वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्ति) जैसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, जबकि ये दोनों ही लोग जुबिन की मौत के बारे में जानकारी दे सकते हैं.’ उन्होंने पूछा, ‘क्या दोनों आरोपी इतने बड़े वीआईपी हैं कि असम के लोगों को दुर्गा पूजा उत्सव खत्म होने तक उनके आने और बयान देने का इंतजार करना पड़ेगा?’

लुकआउट नोटिस की जानकारी
शर्मा ने 27 सितंबर को कहा था कि इंटरपोल के जरिए दोनों के खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किए गए हैं, जिसमें उन्हें छह अक्टूबर को गुवाहाटी आकर बयान देने को कहा गया है और ऐसा न करने पर पुलिस उनकी तलाश तेज कर देगी. कांग्रेस सांसद ने जोर देकर कहा कि पुलिस महंत या शर्मा से एक भी बयान नहीं ले पाई है और दुर्गा पूजा कानून लागू करने वालों के लिए बहाना नहीं बन सकती.

भाजपा से करीबी का दावा
गोगोई ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) से त्वरित जांच करने के लिए कहने के बजाय, इसे धीमा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘इसका कारण दोनों आरोपियों की भाजपा से नजदीकी हो सकती है. मीडिया में पहले ही यह खबर आ चुकी है कि शर्मा पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का सदस्य है.’

राजनीतिक साजिश का आरोप
गोगोई ने आरोप लगाया कि यह पाया गया कि उत्सव का आयोजक भाजपा की जोरहाट इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है और ‘अपने राजनीतिक हितों के लिए जुबिन का इस्तेमाल करने की साजिश बहुत पहले रची गई थी’.



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