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कांग्रेस के राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन का आयोजन कल, खरगे और राहुल करेंगे संबोधित
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कांग्रेस के राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन का आयोजन कल, खरगे और राहुल करेंगे संबोधित

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता शनिवार (2 अगस्त, 2025) को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार और सूचना का अधिकार विभाग की ओर से आयोजित ‘राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे.

इस बारे में जानकारी देते हुए विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इस सम्मेलन का आयोजन संवैधानिक चुनौतियां, दृष्टिकोण और रास्ते की व्यापक थीम के अंतर्गत किया जा रहा है.”

कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य सिंघवी ने कहा, “यह सम्मेलन हमारे गणतंत्र की यात्रा के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रहा है, जब हमें अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने की जरूरत है.”

पांच सत्र में होगा सम्मेलन, ये नेता करेंगे संबोधित- सिंघवी

सिंघवी ने कहा, “राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन में पांच सत्र होंगे, इनमें संवैधानिक चुनौतियां, सामाजिक न्याय और संविधान, धर्म और संविधान, शक्तियों का पृथक्करण और लोकतांत्रिक जवाबदेही शामिल हैं. अंत में होने वाले समापन सत्र का विषय- ‘संवैधानिक दिशा: लोकतांत्रिक भारत के प्रति कांग्रेस की स्थाई प्रतिबद्धता’ है.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे. इनके अलावा सम्मेलन को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी वाड्रा, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, कोषाध्यक्ष अजय माकन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित अनेक पूर्व मुख्यमंत्री और सिंघवी सहित अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे. वहीं, इस सम्मेलन को पूर्व न्यायाधीश, कानूनी शिक्षाविद और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी संबोधित करेंगे.”

संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए करना होगा सामूहिक प्रयास- सिंघवी

राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “सम्मेलन का उद्देश्य संवैधानिक चुनौतियों पर गंभीर संवाद और चिंतन को फिर से जगाना है. हमारे सामने यह अवसर है कि हम कानूनी पेशेवरों, सार्वजनिक विचारकों व नागरिकों के रूप में एक साथ आएं, संविधान व्यवस्था में अपने सामूहिक विश्वास की पुनः पुष्टि करें, कानून के शासन को बनाए रखें और अपने संस्थानों की निष्पक्षता को सुदृढ़ करें. इस तरह के सामूहिक प्रयासों से ही हम अपने संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं और उन्हें बढ़ावा दे सकते हैं.”

सिंघवी ने जोर देकर कहा, “यह सिर्फ कानूनी पेशेवरों की एक साधारण सभा नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय महत्व का एक विचार-विमर्श मंच है. जिनका उद्देश्य संवैधानिक चुनौतियों पर गंभीर संवाद और चिंतन को पुनर्जीवित करना व संवैधानिक नैतिकता, लोकतांत्रिक जवाबदेही और सामाजिक न्याय पर आधारित आगे के रास्ते को सामूहिक रूप से तैयार करना है.”

यह भी पढ़ेंः ‘स्पीकर को बोलने तक नहीं दिया जा रहा’, संसद में हंगामे को लेकर कंगना रनौत का विपक्ष पर निशाना



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