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करीबियों के नाम पर प्रॉपर्टी, दुबई की कंपनियों के जरिए हेरफेर… 15 ठिकानों पर ED की रेड के बाद
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करीबियों के नाम पर प्रॉपर्टी, दुबई की कंपनियों के जरिए हेरफेर… 15 ठिकानों पर ED की रेड के बाद

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Chhangur Baba Network in India and UAE: धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन शाह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 60 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन और बेनामी संपत्तियों का खुलासा किया है. इस घोटाले में 22 बैंक अकाउंट्स, भारत और यूएई में दर्जनों संपत्ति सौदों और फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी जैसे दस्तावेजों के जरिये ब्लैक मनी को व्हाइट करने की साजिश रची गई थी.

ED ने शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई स्थित 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. इस दौरान कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो दर्शाते हैं कि अपराध से प्राप्त धन का इस्तेमाल महंगी अचल संपत्तियों की खरीद और निर्माण कार्यों में किया गया. जांच में सामने आया है कि सभी संपत्तियां छांगुर बाबा के नाम पर नहीं बल्कि उनके करीबी नवीन रोहरा और नीतू रोहरा के नाम पर दर्ज हैं ताकि मालिकाना हक को छिपाया जा सके.

ED की जांच में क्या-क्या मिला?

एजेंसी की जांच में विदेशी कंपनियों और संपत्ति सौदों की एक लंबी चेन का खुलासा हुआ है. छांगुर बाबा का संबंध दुबई स्थित दो कंपनियों कृष्णा इंटरनेशनल FZE और यूनाइटेड मरीन FZE से मिला है. इन कंपनियों के माध्यम से फॉरेन करंसी की संदिग्ध हेराफेरी के प्रमाण मिले हैं. इसके अलावा जांच में सामने आया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अकाउंट, हबीब बैंक AG ज्यूरिख, और RAK इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (UAE) के जरिए भी पैसों का लेनदेन किया गया.

ED के दस्तावेजों में लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट भी शामिल है, जिसमें Aasvi मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (बलरामपुर) की स्ट्रक्चरल वायबिलिटी पर रिपोर्ट दी गई है. इस अस्पताल को मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने की आशंका जताई गई है. ED ने मुंबई और वसई में दर्जनों संपत्ति सौदों की पड़ताल की है जिनमें से कई को बेनामी तरीके से खरीदा बताया गया है.

इनमें वसई SRO में दर्ज Sale Deed No. 111/2012, Ghanshyam Kanhaiyalal Rohra के नाम Sale Deed No. 389/2014, छांगुर बाबा के पक्ष में Sale Deed No. 7212/2016 (मुंबई कुर्ला-II), Runwal Greens प्रोजेक्ट से जुड़ा ड्राफ्ट सेल डीड भी शामिल है. इसके अलावा 24 जुलाई 2017 को वसरामभाई पटेल और नासिर वदीलाल के बीच संपत्ति से जुड़े दो अहम समझौते हुए, जिसके बाद वदीलाल ने अपरिवर्तनीय पावर ऑफ अटॉर्नी छांगुर बाबा के पक्ष में जारी किया. यह सारे दस्तावेज वास्तविक स्वामित्व छिपाने के लिए की गई लेयरिंग को दर्शाते हैं.

चांद औलिया दरगाह से चल रहा था धर्मांतरण नेटवर्क 

मुंबई में छांगुर बाबा के करीबी शहजाद शेख के आवास से मिली जानकारी ने मामले को और पुख्ता कर दिया. शेख के बैंक अकाउंट से 2 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन पकड़े गए हैं, जो नवीन रोहरा के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए थे.

शेख ने बांद्रा (ई) के कनकिया पैरिस प्रोजेक्ट में अपनी पत्नी के नाम पर फ्लैट खरीदा था, जबकि महीम स्थित एक अन्य फ्लैट शेख के नाम पर है जिसमें उसकी बहन रह रही है. इन संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट ED ने जब्त कर लिए हैं. शेख को अगले सप्ताह लखनऊ ED कार्यालय में समन किया गया है.

जांच में यह भी सामने आया है कि बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह से छांगुर बाबा और उनके सहयोगी धर्मांतरण का एक संगठित नेटवर्क चला रहे थे. यह नेटवर्क अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू समुदाय के लोगों को आध्यात्मिक उपचार और सामाजिक कल्याण के नाम पर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था. इन गतिविधियों में विदेशी नागरिकों की भी भागीदारी सामने आई है.

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