बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और राजद विधायक तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर बिहार SIR के तहत वोटर लिस्ट उनका नाम काटने का आरोप लगाया था. हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से मामले को स्पष्ट करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तेजस्वी यादव पर हमलावर हो गई है.
BJP के आईटी प्रमुख ने तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट कर इसे एक गंभीर मामला करार दिया है. अमित मालवीय ने कहा, “तेजस्वी यादव ने जिस वोटर आईडी के एपिक नंबर का हवाला दिया है अगर वह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड और उनके चुनावी हलफनामों में दर्ज नंबर से अलग है, तो इसे एक आपराधिक कदाचार माना जा सकता है. लेकिन स्पष्ट रूप से यह कोई अकेला मामला नहीं है.”
उन्होंने कहा, “बिहार में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का उद्देश्य ऐसे ही डुप्लीकेट और फर्जी नामों के साथ अन्य अनियमितताओं का पता लगाना और बिहार की मतदाता सूची से हटाना है. मतदाता सूची की प्रतिष्ठा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है, फिर चाहे वह कितना ही हाई-प्रोफाइल शख्स क्यों न हो.
This is extremely serious — if Tejashwi Yadav quoted an EPIC number different from what is recorded with the Election Commission and in his election affidavits, it could amount to criminal misconduct.
But let’s be clear — this is not an isolated instance.
The ongoing Special… https://t.co/rVBcy0OAVZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 2, 2025
तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट से नाम काटने का लगाया था आरोप
वहीं, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार (2 अगस्त, 2025) को सार्वजनिक तौर पर दावा कि चुनाव आयोग ने बिहार एसआईआर के तहत उनका नाम बिहार की मतदाता सूची से काट दिया. तेजस्वी के इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर साजिश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट में कहा, “मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR 2025) की प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की गई है. चुनाव आयोग अब अपने ही वादों से पलट रहा है. 65 लाख मतदाताओं के वोट काटने के बाद भी नई ड्राफ्ट सूची में अस्पष्टता है. निर्वाचन आयोग की ओर से लगातार अपने निर्णय बदलने, पारदर्शिता से पीछे हटने और विपक्ष के सुझावों, शिकायतों और मांगों की अनदेखी कर अधकचरी लिस्ट जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है.”
मतदाता सूची पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन SIR 2025) की प्रक्रिया में जानबूझकर धांधली की गई है। चुनाव आयोग अब अपने ही वादों से पलट रहा है। 65 लाख मतदाताओं के वोट काटने के बाद भी नई ड्राफ्ट सूची में अस्पष्टता है। निर्वाचन आयोग द्वारा लगातार अपने निर्णय बदलने, पारदर्शिता से पीछे… pic.twitter.com/Lwx63665TF
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 2, 2025
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के दावों को किया खारिज
वहीं, पटना के जिलाधिकारी और मुख्य चुनाव पदाधिकारी (CEO) डॉ. त्यागराजन एसएम ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “नेता विपक्ष का नाम मतदाता सूची में निश्चित रूप से मौजूद है. वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं होने का उनका दावा पूरी तरह से गलत है. उनका नाम अभी भी उसी बूथ पर दर्ज है, जहां वे पहले मतदान करते थे और यह सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है, इसे हर कोई देख सकता है.”
उन्होंने कहा, “2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दाखिल किए गए शपथपत्र में उन्होंने जो एपिक नंबर दिया था, हम उसी एपिक नंबर के बारे में बता रहे हैं. अब अगर वे कोई और एपिक कार्ड की बात कर रहे हैं, तो हमें उसे देखना होगा. उन्होंने 2020 में जो एपिक कार्ड दिया था, वह अभी भी वैध है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.”
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