बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. चुनाव में पार्टियों की स्थिति को लेकर अलग-अलग सर्वे और एक्सपर्ट की राय सामने आ रही हैं. इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर की उपस्थिति से बिहार चुनाव का समीकरण कैसे बदल सकता है.
उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार ने बिहार में जो घोषणाएं की हैं, उसका सबसे ज्यादा फायदा NDA को मिलने वाला है. पीके (प्रशांत किशोर) अगर NDA को इस चुनाव में नुकसान पहुंचाने वाले हैं तो जेडीयू से ज्यादा भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे. महागठबंधन और NDA का नेतृत्व अब तक पिछड़ों के हाथ में रहा है. साल 1990 से लेकर 2025 तक, लालू यादव की सत्ता में सवर्णों का नेता आज तक बिहार में उभरकर सामने नहीं आया है, जिस पर सवर्ण समाज भरोसा दिखा सके.’
सवर्ण समाज के बीच का हिस्सा प्रशांत किशोर
उन्होंने ‘न्यूज तक’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हालांकि प्रशांत किशोर ने सवर्णों का नेता बनने की कोशिश की है क्योंकि वह सवर्ण समाज का हिस्सा हैं. इसलिए प्रशांत किशोर सवर्णों का वोट अपनी तरफ करने में कामयाब रहेंगे और इससे भाजपा को नुकसान होने वाला है. प्रशांत किशोर ने एक ऐसा जनाधार तैयार किया है, जो पार्टी की हार-जीत के बारे में सोचे बिना उन्हें वोट देगी. ये वह जनाधार है जो बिहार में बदलाव चाहता है. इसलिए प्रशांत किशोर को मिलने वाला वोट इस चुनाव को तय कर सकता है.’
NDA की ओर से CM पद का क्यों नहीं हुआ ऐलान?
NDA की ओर से बिहार में सीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा ना किए जाने को लेकर विनोद अग्निहोत्री ने कहा, ‘भाजपा लगातार 20 सालों से नीतीश कुमार को बिहार का सीएम बना रही है, इसलिए इस बार पार्टी की मंशा है कि वह सीएम पद के लिए भाजपा के किसी नेता को उम्मीदवार बनाए. अभी भाजपा आकलन कर रही है कि बिहार के लोग किसे अगले सीएम के रूप में देखना चाहते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘RJD की ओर से तेजस्वी के सीएम पद की उम्मीदवार के बाद से भाजपा पर दबाव बन रहा है कि वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें. हालांकि चिराग पासवान ने विपक्ष को जवाब दिया है कि राज्य के अगले सीएम नीतीश कुमार ही होंगे, लेकिन भाजपा के किसी बड़े नेता, प्रधानमंत्री या गृह मंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
विपक्ष खींच सकता है जेडीयू के वोटर
चर्चा के दौरान विनोद अग्निहोत्री ने कहा, ‘विपक्ष इसी बात को लेकर मुद्दा बना रहा है कि भले ही नीतीश कुमार को पार्टी नेता मान रही हो, लेकिन चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. अगर नीतीश कुमार के समर्थकों तक विपक्ष ने ये संदेश पहुंचा दिया कि नीतीश कुमार अगले सीएम नहीं होंगे तो इसका असर NDA के वोट बैंक पर पड़ सकता है और नीतीश कुमार के समर्थकों का रुख महागठबंधन या जनसुराज की तरफ मुड़ सकता है.’
NDA के बीच तनाव को लेकर क्या बोले?
NDA के बीच तनाव को लेकर उन्होंने कहा, ‘चिराग पासवान और नीतीश कुमार के रिश्तों को लेकर NDA में काफी तनाव है और पिछले चुनाव में जेडीयू की ताकत चिराग पासवान की वजह से ही घटी थी, जिसे ना नीतीश कुमार भूले हैं और ना ही पार्टी दल के नेता भूले हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस बार चिराग पासवान इसलिए नीतीश कुमार का नाम बार-बार ले रहे हैं क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार के जनाधार का अंदाजा है और अगर ये जनाधार चिराग पासवान के साथ नहीं रहा तो 28 सीटों में से उन्हें कितनी सीटें मिलेंगी, ये अंदाजा लगा पाना मुश्किल है.’
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