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‘राहुल गांधी को उनकी जगह दिखा दी’, महागठबंधन की प्रेसवार्ता को लेकर BJP ने ये क्या बोला?
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‘राहुल गांधी को उनकी जगह दिखा दी’, महागठबंधन की प्रेसवार्ता को लेकर BJP ने ये क्या बोला?

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पटना में महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जा सकता है. इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के पोस्टरों से उनके नेता राहुल गांधी की तस्वीर गायब है.

पोस्टरों पर सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत जो सीट बंटवारे पर बातचीत के दौरान राजद और कांग्रेस के बीच मतभेद सुलझाने के लिए पटना पहुंचे हैं, उनके तेजस्वी यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की संभावना है. 

‘राहुल गांधी और कांग्रेस का सम्मान चोरी’
प्रेस कॉन्फ्रेंस के पोस्टर पर राहुल गांधी की तस्वीर न होने पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस? लेकिन सिर्फ़ एक तस्वीर. राहुल गांधी और कांग्रेस का ‘सम्मान चोरी’. कांग्रेस और राहुल को उनकी जगह दिखा दी?” 

बता दें कि सम्मान चोरी शब्द राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ अभियान पर आधारित है, जिसमें चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलीभगत करके बड़े पैमाने पर चुनावी अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है. हालांकि चुनाव आयोग ने इस आरोप को खारिज किया है. 

राजद-कांग्रेस को लेकर पूनावाला का दावा
पूनावाला ने यह भी दावा किया कि राजद ने तेजस्वी यादव को अपना चेहरा बनाने के लिए कांग्रेस को धमकाया है. उन्होंने आगे कहा कि राजद ने अपने सहयोगी दल को डराने वाली धमकी देते हुए कहा है कि अगर वह नहीं मानी तो वह कांग्रेस की सीट शून्य कर देंगे. उन्होंने कहा कि राहुल की मर्दाना बहादुरी की तो बात ही कुछ और है अगर गठबंधन के सहयोगियों को धमकाया जाता है, तो सोचिए जनता के साथ क्या होगा. 

राजद-कांग्रेस सीट बंटवारे में कलह!
राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे में तब रुकावट आ गई, जब दोनों दल कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़े रहे. कांग्रेस ने ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की. इसके चलते दोनों दलों ने कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इस तरह के दोस्ताना मुकाबले विपक्षी वोटों के बंटवारे का कारण बन सकते हैं और बीजेपी-जदयू उम्मीदवारों को फायदा पहुंचा सकते हैं. इस संकट से निपटने के लिए ही कांग्रेस की तरफ से गहलोत को पटना भेजा गया है. 

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