रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी FEMA मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद एजेंसी ने उन्हें आज यानी सोमवार (17 नवंबर) के लिए नया नोटिस जारी किया था. देश के प्रमुख कारोबारी अनिल अंबानी को एजेंसी ने FEMA के तहत अपना बयान दर्ज कराने को कहा है.
बता दें कि ये मामला साल 2010 का है, जो जयपुर-रींगस नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में कथित तौर पर 40 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़ा है. केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि सूरत स्थित फर्जी कंपनियों के माध्यम से पैसा दुबई पहुंचाया गया है. इससे 600 करोड़ रुपये से ज्यादा इंटरनेशनल हवाला नेटवर्क का पता चला है. सूत्रों ने बताया कि ED ने कुछ कथित हवाला डीलरों सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिसके बाद अब उन्होंने अनिल अंबानी को समन कर बुलाया है.
ईडी ने कुर्क की है 7,500 करोड़ की संपत्ति
बता दें कि हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की करीब 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है. ईडी ने बताया है कि जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट में लगभग 40 करोड़ की गड़बड़ी मिली है, जिसे लेकर फेमा के तहत कार्रवाई की गई है.
अनिल अंबानी ने ईडी को लिखा लेटर
इससे पहले हाल ही में अनिल अंबानी ने प्रवर्तन निदेशालय को एक लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने जांच में पूरी तरह सहयोग करने का भरोसा दिया है. यहां तक कहा है कि अगर एजेंसी चाहे तो वे वर्चुअल तौर पर पेश हो सकते हैं. अनिल अंबानी की ओर से यह बयान तब आया, जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि ईडी का समन तो PMLA से जुड़ा है. कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मामला FEMA जांच का है. उन्होंने बताया है कि यह मुद्दा करीब 15 साल पुराना है और जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जड़ा है, जिसका विदेशी मुद्रा से कोई लेना-देना नहीं था.
हाल ही के दिनों में ईडी ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों पर कार्रवाई की है. रिलायंस पावर कंपनी पर कथित 68 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी के मामले में जांच चल रही है. जांच के दौरान अब तक तीन गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं.
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