दिल्ली पुलिस की EOW की FIR के बाद ED ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 3000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड केस में पहली गिरफ्तारी की है. ओडिशा की कंपनी Biswal Tradelink Pvt. Ltd. (BTPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है.
ईडी के अनुसार घोटाले में रिलायंस पावर की भूमिका
ED की जांच में सामने आया है कि BTPL ने Solar Energy Corporation of India (SECI) के एक टेंडर में भाग लेने के लिए State Bank of India के फर्जी एंडोर्समेंट और नकली ईमेल्स के जरिए 68.2 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी तैयार की. ED का कहना है कि BTPL को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड से 5.4 करोड़ रुपए का पेमेंट मिला था. ये पेमेंट उसी फर्जी बैंक गारंटी को तैयार करने के लिए किया गया था. ये ट्रांजैक्शन इस पूरे घोटाले में रिलायंस पावर की भूमिका को जोड़ता है.
हाल ही में BTPL के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
ईडी ने हाल ही में भुवनेश्वर और कोलकाता में BTPL के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जिसमें कंपनी के कई बैंक अकाउंट्स और लेन-देन की जानकारी मिली जो कंपनी के टर्नओवर के मुकाबले बहुत ज्यादा थे. ईडी को कम से कम 7 गुप्त बैंक अकाउंट्स का पता चला है, जिनमें करोड़ों की रकम ट्रांसफर की गई थी.
जांच में ये भी सामने आया कि BTPL ने अपने ऑफिस में जरूरी रजिस्टर और अकाउंट बुक्स नहीं रखे थे. ED को शक है कि कंपनी में डमी डायरेक्टर्स रखे गए ताकि असली मालिकों की पहचान छिपाई जा सके और पैसे को आसानी से इधर-उधर किया जा सके. गिरफ्तारी के बाद पार्थ सारथी बिस्वाल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 6 अगस्त तक ED की कस्टडी में भेज दिया गया है. वहीं ED ने अनिल अंबानी को भी 5 अगस्त को पूछताछ के लिए समन भेजा है.
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