बॉलीवुड की क्लासिक कॉमेडी फिल्मों की जब भी बात होती है, तो एक नाम सबसे पहले ज़हन में आता है — ‘हेरा फेरी’। साल 2000 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने न केवल हँसी के ठहाकों की नई परिभाषा गढ़ी, बल्कि इसके डायलॉग, किरदार और सिचुएशन आज तक लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
हाल ही में एक इंटरव्यू में अभिनेता Suniel Shetty ने ‘हेरा फेरी’ को लेकर कई दिलचस्प बातें साझा कीं और बताया कि किस तरह से यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बनी।
प्रियदर्शन ही असली मास्टरमाइंड: डायलॉग्स और सीन्स उन्हीं के दिमाग की उपज
सुनील शेट्टी ने कहा, “हमने थोड़ा बहुत इंप्रोवाइज़ किया था, लेकिन जो असली जादू था, वो डायरेक्टर प्रियदर्शन का था। चाहे ‘औरत का चक्कर बाबू भैया’ जैसा पॉपुलर डायलॉग हो या कोई कॉमिक सिचुएशन, हर शब्द उन्होंने खुद लिखा था।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने आज तक ऐसा डायरेक्टर नहीं देखा जो कॉमेडी को इतनी बारीकी से समझता हो। वह जो देख पाते हैं, हम नहीं देख सकते। वो कॉमेडी के सच्चे जीनियस हैं।”
हेरा फेरी 3 को लेकर सुनील की उत्सुकता: “नजर लग जाती है”
‘हेरा फेरी 3’ को लेकर जब सुनील से सवाल किया गया तो उन्होंने हँसते हुए कहा, “हां, परेश रावल वापस आ रहे हैं, मैं भी बहुत एक्साइटेड हूं, लेकिन अभी कुछ नहीं कहूंगा। रिलीज़ वाले दिन ही बोलूंगा… नजर लग जाती है, अपनी भी लग जाती है।”
यह बयान सुनील के उस आत्मविश्वास को दर्शाता है जो उन्होंने इस फ्रेंचाइज़ी के साथ सालों से बनाए रखा है।
“मैं श्याम हूं, सुनील नहीं”: जब आठ साल के बच्चे ने नहीं पहचाना तो…
इस इंटरव्यू के सबसे भावुक पल तब आए जब सुनील ने कहा,
“आज की एक पीढ़ी मुझे नहीं जानती है। अगर कोई मां अपने आठ साल के बच्चे से पूछे, मुझे पहचाना? तो जवाब आता है — नहीं। लेकिन जैसे ही वो कहती हैं, ‘हेरा फेरी वाला श्याम’, बच्चा मुस्कुरा देता है। अब मैं सुनील शेट्टी नहीं हूं, मैं श्याम हूं।”
यह स्वीकारोक्ति बताती है कि कैसे एक किरदार किसी अभिनेता की पहचान बन जाता है और उसे अमर कर देता है।
सिचुएशनल ह्यूमर बनाम वॉट्सऐप जोक्स: सुनील शेट्टी की फिल्मों पर गहरी बात
आज के दौर की कॉमेडी फिल्मों को लेकर सुनील ने बेहद सटीक टिप्पणी की। उन्होंने कहा,
“पहले की फिल्मों में सिचुएशन से कॉमेडी निकलती थी। आज की फिल्मों में राइटिंग गायब है। सिर्फ वॉट्सऐप वाले जोक्स डाल दिए जाते हैं। जोक्स होते ही नहीं हैं, बस वॉट्सऐप फॉरवर्ड होते हैं।”
वो कहते हैं कि ‘हेरा फेरी’ जैसी फिल्में जोक्स पर नहीं, हालातों पर बनी थीं। यही वजह है कि वे कभी पुरानी नहीं होतीं।
‘हेरा फेरी’ का ऐतिहासिक सफर: दो दशक से ज़्यादा का जुनून
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‘हेरा फेरी’ की पहली फिल्म 2000 में रिलीज हुई थी, जिसमें सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार और परेश रावल की तिकड़ी ने जादू बिखेरा।
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इसके बाद 2006 में ‘फिर हेरा फेरी’ आई, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया और फ्रेंचाइज़ी को सुपरहिट बना दिया।
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अब जब ‘हेरा फेरी 3’ की तैयारी हो रही है, तो दर्शकों में फिर से वही उत्साह दिखने लगा है जो पहले भागों के दौरान था।
मीम कल्चर में भी छाई ‘हेरा फेरी’: आज की पीढ़ी भी जुड़ गई
‘हेरा फेरी’ एकमात्र फिल्म है जिसके डायलॉग्स आज भी सोशल मीडिया पर मीम बनकर ट्रेंड करते हैं।
‘25 दिन में पैसा डबल’, ‘उठ जा मेरी टांकी’, ‘कौन था वो…’ जैसे डायलॉग्स इंटरनेट सेंसेशन बन चुके हैं।
सुनील शेट्टी ने कहा, “जो फिल्म 23 साल पहले रिलीज़ हुई हो और आज भी उतनी ही पसंद की जा रही हो, वो सिर्फ़ ‘हेरा फेरी’ हो सकती है।”
क्या ‘हेरा फेरी 3’ फिर लाएगी वही जादू? दर्शकों की उम्मीदें चरम पर
अब जब ‘हेरा फेरी 3’ पर आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है और परेश रावल की वापसी तय है, तो फैंस बेसब्री से फिल्म का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि सुनील शेट्टी अभी ज्यादा नहीं बोलना चाहते, लेकिन उनके शब्दों से साफ है कि यह फिल्म उनके लिए भावनात्मक रूप से बेहद खास है।
‘हेरा फेरी’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक एहसास है जो पीढ़ियों को जोड़ता है। सुनील शेट्टी के लिए यह पहचान बन चुकी है — “श्याम”। और प्रियदर्शन की लेखनी ने जो जादू रचा था, वो आज भी लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाता है। ‘हेरा फेरी 3’ से अब सभी को फिर उसी जादू की उम्मीद है।


