वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से जोड़ने का निर्देश दिया है। यह प्रणाली बिना पारंपरिक क्रेडिट स्कोर के भी उधारकर्ताओं की योग्यता का आकलन कर सकेगी। किसानों, गिग वर्कर्स और छोटे व्यापारियों को लोन मिलना आसान होगा। बीमा कटौती एक ही बैंक से होगी।
By Anurag Mishra
Publish Date: Fri, 18 Jul 2025 08:29:30 AM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Jul 2025 10:34:36 AM (IST)
HighLights
- यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से सभी बैंक जुड़ेंगे ।
- किसानों, गिग वर्कर्स को मिलेगा औपचारिक क्रेडिट लाभ।
- हर बैंक में होगा ULI के लिए नोडल अधिकारी।
बिजनेस डेस्क, इंदौर। क्रेडिट स्कोर और लोन पात्रता के लिए अब सिर्फ सिबिल पर निर्भरता की आवश्यकता नहीं होगी। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने सभी सरकारी और निजी बैंक, एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान) और स्माल फाइनेंस बैंकों को जल्द से जल्द यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से जुड़ने का निर्देश दिया है। यह कदम लोन प्रक्रिया को पारदर्शी, समावेशी और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया है।
अब बिना क्रेडिट स्कोर भी मिल सकेगा लोन
यूएलआइ के जरिए अब उन व्यक्तियों की क्रेडिट क्षमता का आकलन भी संभव होगा, जिनका पारंपरिक क्रेडिट स्कोर मौजूद नहीं है। इससे उन किसानों और छोटे व्यापारियों को लोन मिल सकेगा, जो अभी तक औपचारिक क्रेडिट सिस्टम से बाहर हैं। उनके पास जमीन, फसल, संपत्ति या खरीदारी क्षमता जैसी जानकारियों के आधार पर क्रेडिट योग्यता तय की जा सकेगी।
सभी वित्तीय संस्थाओं को नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश
डीएफएस ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे यूएलआइ के अमल के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करें। इसके अलावा, संस्थाओं के एमडी और सीईओ को यूएलआइ के कार्यान्वयन की मासिक समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।
हाल ही में डीएफएस सचिव एम. नागाराजु और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबि शंकर की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें 12 सरकारी, 18 निजी, 6 एनबीएफसी और 3 स्माल फाइनेंस बैंकों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है यूएलआइ
ULI एक डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जो लोन आवेदन से लेकर उसके भुगतान तक की पूरी यात्रा में मदद करेगा। इसके जरिए मकान, दुकान, खेत, रोजमर्रा के खर्च, अन्य संपत्ति और खर्च क्षमता का डेटा हासिल किया जा सकेगा। यह सिस्टम पारंपरिक क्रेडिट ब्यूरो के बाहर भी उधारकर्ताओं की क्रेडिट योग्यता का सटीक आकलन करेगा।
ई-कॉमर्स और गिग वर्कर्स भी होंगे लाभान्वित
यूएलआइ को गिग इकॉनमी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा जाएगा। इससे छोटे विक्रेताओं और गिग वर्कर्स (जैसे डिलीवरी एजेंट, फ्रीलांसर आदि) का भी क्रेडिट स्कोर तैयार किया जा सकेगा। इससे उन्हें भी औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिलेगी।
एक ही बैंक से कटेगी बीमा योजना की राशि
वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की राशि अब एक ही बैंक खाते से कटेगी, जिससे डुप्लीकेसी और तकनीकी गड़बड़ियों से बचा जा सकेगा। यह कदम ग्राहकों की सुविधा और डेटा समन्वय को बेहतर बनाने की दिशा में है।