प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
- पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद (वर्तमान कारमसद गाँव) में हुआ था। वे झावेरभाई और लाडबा पटेल के चौथे पुत्र थे Wikipedia+7Webdunia+7Webdunia+7।
- प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने स्वाध्याय से ग्रहण की और 22 वर्ष की आयु में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की Biography of in Hindi+2Webdunia+2Webdunia+2।
वकालत और राजनीतिक समझ
- इंग्लैंड से बैरिस्टर की पढ़ाई के बाद वे 1913 में अहमदाबाद लौटे और वकालत का कार्य आरंभ किया Biography of in Hindi।
- 1917 में उन्होंने अहमदाबाद में संचारिणी कमिश्नर का चुनाव भी लड़ा (सैनिटेशन कमिश्नर) और विजयी रहे YouTube+6Webdunia+6Webdunia+6।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
- सन् 1918 के खेड़ा सत्याग्रह में महात्मा गांधी द्वारा प्रेरित होकर पटेल जी ने किसानों का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप कर में राहत मिली https://mpcg.ndtv.in/+2Biography of in Hindi+2Navbharat Times+2।
- 1928 के बारडोली सत्याग्रह में किसानों ने 22% कर वृद्धि के खिलाफ संघर्ष किया और पटेल जी का नेतृत्व रहता था Biography of in Hindi+3Wikipedia+3Navbharat Times+3। इस सफलता से उन्हें “सरदार” की उपाधि मिली।
- इसके उपरांत वे नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका में रहे, जिससे कांग्रेस में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका बनी Wikipedia+9Biography of in Hindi+9Navbharat Times+9Navbharat Times।
स्वतंत्र भारत में भूमिका
- आज़ादी के पश्चात् पटेल भारत के प्रथम उप‑प्रधानमंत्री व गृह मंत्री बने (15 अगस्त 1947 – 15 दिसंबर 1950) Biography of in Hindi+2Wikipedia+2Wikipedia+2।
- उन्होंने 565 से अधिक रियासतों को युद्धबिना भारत में शामिल किया, जो भारतीय एकता के लिए आधार बना Webdunia+1Navbharat Times+1।
लौहपुरुष की उपाधि
- पटेल जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन के कारण उन्हें “लौहपुरुष” कहा गया https://mpcg.ndtv.in/+5YouTube+5Webdunia+5।
- जूनागढ़, हैदराबाद राज्यों के मिलन, शरणार्थी समस्याओं के समाधान और आपसी भाईचारे के लिए भी वे उत्तरदायी रहे Biography of in HindiNavbharat Times।
परिवार व व्यक्तिगत जीवन
- पटेल जी की शादी झवेरबा से हुई, जो 1909 में स्वर्ग सिधार गईं। इस दुखद घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार पर ध्यान केन्द्रित किया Webdunia+1Webdunia+1।
मृत्यु और विरासत
- 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में उनका निधन हुआ shutterstock.com+14Biography of in Hindi+14YouTube+14।
- 1991 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- नर्मदा घाटी (केवडिया) में बनी प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी” उनकी याद में समर्पित की गई—जो दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है, जिसकी ऊँचाई 182 मीटर है Biography of in HindiWikipedia।
- उनके जन्मदिन (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संक्षेप में:
सरदार वल्लभभाई पटेल एक अनुशासित, दृढ़ एवं मैत्रीपूर्ण नेता थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद उसका एकीकरण बिना किसी रक्तपात के सुनिश्चित किया। भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था और संसदीय ढांचे की उन्हें “स्टील फ्रेम” की उपमा दी जाती है। आज भी भारत में उनका योगदान “संयुक्त भारत” की नींव के रूप में याद किया जाता है।