देश के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे कोई अस्थिर नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘हमारे पड़ोसी पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में आंदोलन और तख्तापलट हुए. लीबिया जैसे देशों में बाहरी ताकतों ने सबकुछ बर्बाद कर दिया, लेकिन भारत में ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि हमारा संविधान इतना मजबूत है कि हर चुनौती का समाधान उसमें मौजूद है. यह देश कभी तबाह नहीं हो सकता.’
लोकतंत्र में असहमति भी जरूरी, लेकिन…
रिजिजू ने कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के सबसे सशक्त लोकतंत्रों में से एक है. उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे मुल्क में पैदा हुए हैं जिसकी कल्पना करना मुश्किल है. सोशल मीडिया और मीडिया दोनों बहुत एक्टिव हैं, और हर कोई अपनी बात खुलकर रख सकता है. लेकिन हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे देश को नुकसान पहुंचे या समाज बंटा हुआ दिखे.’ उन्होंने संसद में होने वाले हंगामे पर भी टिप्पणी की और कहा, ‘संसद में कभी-कभी शोर होता है, लेकिन वही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है. अगर संसद में बहस और टकराव नहीं होगा, तो फिर कहां होगा?’
‘हिंदू-मुस्लिम मिलकर चलें तो देश सबसे आगे बढ़ेगा’
रिजिजू ने कहा कि भारत में छह मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक समुदाय हैं, जिनमें सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है. उन्होंने बताया कि पारसी समुदाय की संख्या घट रही है, इसलिए सरकार ने ‘जियो पारसी’ कार्यक्रम शुरू किया ताकि यह समुदाय खत्म न हो. उन्होंने कहा, ‘छोटे समुदायों के लिए भी सोचना सरकार की जिम्मेदारी है.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में हिंदू और मुस्लिम दो बड़े वर्ग हैं, और अगर दोनों समुदाय मिलजुलकर देश के विकास में साथ आएं, तो बाकी सभी समुदाय भी इस यात्रा में आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि जामिया यूनिवर्सिटी हमेशा सकारात्मक सोच और एकता का संदेश देती रही है और यहां से कभी कोई नकारात्मक संदेश नहीं गया.
2047 तक भारत बनेगा विकसित राष्ट्र- रिजिजू
रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत आज 7% की दर से आगे बढ़ रहा है जबकि दुनिया औसतन 2% की रफ्तार से. जिस तरह से देश प्रगति कर रहा है, हमें पूरा भरोसा है कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा.’
उर्दू जबान न सीखने का अफसोस- केंद्रीय मंत्री
अपने भाषण के अंत में रिजिजू ने कहा कि उन्हें अब एहसास हो रहा है कि उर्दू न सीखना एक कमी रही. उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने उर्दू सीखी होती, तो आज आपके बीच शेरो-शायरी भी करता. उर्दू जैसी खूबसूरत जबान दुनिया में और कोई नहीं.’ उन्होंने जामिया की ऐतिहासिक विरासत को याद करते हुए कहा कि ‘महात्मा गांधी, टैगोर, सरोजिनी नायडू और मौलाना मोहम्मद अली जौहर जैसे महान लोगों की वजह से जामिया यूनिवर्सिटी की नींव पड़ी. मेरे दिल में जामिया के लिए हमेशा एक खास जगह रहेगी.’


