विदेश मंत्रालय ने NATO महासचिव मार्क रुटे के उस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर रूस का तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाने के बाद ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन पर उनकी रणनीति समझने के लिए फोन पर बातचीत की.’ मंत्रालय ने इसे ‘पूरी तरह निराधार’ बताया.
मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी पुतिन से इस तरह की बातचीत नहीं की और ऐसी कोई फोन वार्ता हुई ही नहीं. मंत्रालय ने NATO जैसी अहम संस्था से अपेक्षा जताई कि वे सार्वजनिक बयान देते समय अधिक जिम्मेदारी और सटीकता का पालन करें. मंत्रालय ने जोर दिया कि ऐसी अटकलें या विचार कि ‘ऐसी बातचीत हुई थी’ बिल्कुल अस्वीकार्य हैं और इससे किसी भी देश के नेतृत्व की छवि प्रभावित हो सकती है.
भारत की ऊर्जा नीति
विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत अपने ऊर्जा आयात के फैसले राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए करता है. मंत्रालय ने कहा कि भारत उपभोक्ताओं के लिए सस्ती और भरोसेमंद ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाता रहेगा और अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा करता रहेगा.
क्या कहा था रूटे ने?
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के साइडलाइन पर CNN से बात करते हुए, NATO प्रमुख मार्क रुटे ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ, जिसमें रूस का तेल खरीदने पर 25% शुल्क भी शामिल है, मॉस्को पर बड़ा असर डाल रहे हैं.
रूटे ने दावा किया कि ‘यह टैरिफ रूस को प्रभावित करता है क्योंकि इसका मतलब है कि दिल्ली अब मॉस्को में व्लादिमीर पुतिन से फोन पर है, और नरेंद्र मोदी उनसे पूछ रहे हैं, ‘मैं आपका समर्थन करता हूं, लेकिन क्या आप मुझे अपनी रणनीति समझा सकते हैं क्योंकि भारत पर अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगे हैं.’


