DS NEWS | The News Times India | Breaking News
‘हम कुछ नहीं कर सकते, भगवान से कहिए वही कुछ करें’, किस मामले में बोले सुप्रीम कोर्ट के CJI
India

‘हम कुछ नहीं कर सकते, भगवान से कहिए वही कुछ करें’, किस मामले में बोले सुप्रीम कोर्ट के CJI

Advertisements


सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुन:प्रतिष्ठा की मांग वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इस याचिका को केवल प्रचार का हथकंडा बताया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों में बदलाव नहीं किया जा सकता, बल्कि उनका संरक्षण किया जाना चाहिए.

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी प्रतिक्रिया
सीजेआई बीआर गवई ने कहा, ‘यह पूरी तरह से पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है. जाइए और खुद भगवान से कहिए कि वे ही कुछ करें. आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं, तो प्रार्थना कीजिए और ध्यान कीजिए.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मूर्ति को बदला जा सकता है या नहीं, यह निर्णय केवल एएसआई (अर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) का काम है.

किसने दायर की थी याचिका?
राकेश दलाल नाम के याचिकाकर्ता का कहना है कि जावरी मंदिर की मूर्ति मुगल आक्रमण के दौरान खंडित हुई थी. आजादी के 77 साल बाद भी इसे पुनर्स्थापित नहीं किया गया है. सरकार की इस निष्क्रियता से श्रद्धालुओं के पूजा-अधिकार का हनन हो रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति की तस्वीर पेश करते हुए कहा कि इसका पुनर्निर्माण जरूरी है. इस पर सीजेआई ने कहा, ‘अगर आप शैव मत से परहेज नहीं करते तो वहां शिवलिंग की पूजा कीजिए.’

क्या हैं ASI और UNESCO के नियम?
अर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, संरक्षित स्मारकों या मंदिरों में किसी भी मूर्ति को बदलना वर्जित है. इसका उद्देश्य उन धरोहरों की प्राचीनता और मौलिकता को बनाए रखना है. टूटी हुई मूर्ति भी उसी ऐतिहासिक महत्व की होती है और उसे संरक्षित किया जाता है.

यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स पर भी यही सिद्धांत लागू होता है. वहां किसी भी मूर्ति या ढांचे को रिप्लेस करने की बजाय सिर्फ संरक्षण किया जाता है. खजुराहो एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, इसलिए यहां किसी भी बदलाव के लिए न केवल भारतीय सरकार, बल्कि यूनेस्को की मंजूरी भी जरूरी होती है.



Source link

Related posts

‘उनका घमंड चरम पर पहुंच गया था’, बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की हार पर बोले चिराग पासवान

DS NEWS

विपक्ष के हंगामे के बावजूद संसद में पास होंगे बिल, रिजिजू ने साफ किया सरकार का रुख, बोले- संसद

DS NEWS

ब्रिक्स सम्मेलन में ट्रंप का नाम लिए बिना जयशंकर ने कही ऐसी बात, अमेरिकी राष्ट्रपति को लग जाएगी

DS NEWS

Leave a Comment

DS NEWS
The News Times India

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Privacy & Cookies Policy