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अब नहीं चलेगा F-35 और राफेल का जादू, रडार भी खा जाएगा धोखा…भारत का 6th Gen फाइटर जेट देगा दुश
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अब नहीं चलेगा F-35 और राफेल का जादू, रडार भी खा जाएगा धोखा…भारत का 6th Gen फाइटर जेट देगा दुश

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रूस-यूक्रेन जंग और इजरायल-गाजा संघर्ष से दुनिया दो मोर्चों पर युद्ध का सामना कर रही है. ईरान पर इजरायल के हमले के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं. यूएन जैसी वैश्विक संस्थाएं निष्क्रिय दिख रही हैं, जिससे देशों को लगने लगा है कि अपनी रक्षा खुद करनी होगी. इस कारण अब सभी देश आधुनिक हथियार या तो खुद बना रहे हैं या आयात कर रहे हैं. हथियारों की होड़ फिर से वैसे ही तेज हो गई है जैसी कोल्ड वॉर के समय थी. अमेरिका, चीन, भारत जैसे देश अपने डिफेंस बजट में भारी इजाफा कर रहे हैं.

अमेरिका और चीन की रेस, भारत की रणनीति
अमेरिका ने गोल्डन डोम सिस्टम पर $175 बिलियन खर्च करने का ऐलान किया है. 6th जेनरेशन फाइटर जेट भी अमेरिका डेवलप कर रहा है. चीन भी अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों में अरबों डॉलर निवेश कर रहा है. इसी रेस में भारत भी पीछे नहीं है. भारत का फोकस स्वदेशी तकनीक से अपने रक्षा तंत्र को और मजबूत करने पर है.

भारत में तेजस के बाद अब AMCA प्रोजेक्ट
भारत सरकार और DRDO मिलकर एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. यह स्वदेशी 5th जनरेशन फाइटर जेट होगा, जिसके लिए ₹15,000 करोड़ का फंड तय कर दिया गया है. उम्मीद है कि भारत 2030 के दशक तक इस फाइटर जेट को पूरी तरह तैयार कर लेगा. इसके बाद अगली पीढ़ी के 6th जनरेशन फाइटर जेट का लक्ष्य रखा गया है.

6th जनरेशन फाइटर जेट में क्या होगा खास
तेजस फाइटर जेट के प्रमुख डिजाइनर डॉ. कोटा हरिनारायण ने बताया कि भारत तकनीकी रूप से 6th जनरेशन अनमैन्ड लड़ाकू विमान बनाने के लिए तैयार है. यह फ्लाइंग विंग डिजाइन पर आधारित होगा, यानी इसमें कोई टेल स्टेबलाइजर नहीं होगा. यह डिजाइन इसे रडार की पकड़ से दूर रखेगा, जिससे इसकी स्टील्थ क्षमता बढ़ेगी. यह 5th जनरेशन के F-35 और राफेल से कहीं अधिक घातक और उन्नत होगा. यह एयरक्राफ्ट मानव रहित और मानव के साथ दोनों रूपों में काम कर सकेगा.

‘घातक’ प्रोजेक्ट और भविष्य की तैयारी
भारत का ‘घातक’ प्रोजेक्ट 6th जनरेशन फाइटर जेट की दिशा में बड़ा कदम है. इसमें अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल डेवलप किया जा रहा है, जो फ्लाइंग विंग तकनीक पर आधारित होगा. इसमें DRDO द्वारा विकसित किया गया ‘कावेरी ड्राई इंजन’ इस्तेमाल हो रहा है. वैज्ञानिक AI तकनीक, ड्रोन इंटीग्रेशन और डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स जैसी खूबियों के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि 6th जनरेशन जेट इसी तकनीक पर आधारित होगा या नई टेक्नोलॉजी विकसित की जाएगी.



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